अपने ही आशियाने को तोड़ रहे बाढ़ पीड़ित

सरयू नदी का पानी गायघाट गांव की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। इससे लोगों में खौफ कायम हो गया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 25 Aug 2020 06:03 AM (IST) Updated:Tue, 25 Aug 2020 06:10 AM (IST)
अपने ही आशियाने को तोड़ रहे बाढ़ पीड़ित
अपने ही आशियाने को तोड़ रहे बाढ़ पीड़ित

संत कबीरनगर, जेएनएन : सरयू नदी का पानी गायघाट गांव की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। इससे लोगों में खौफ कायम हो गया। उन्हें डर है कि कहीं उनका घर बाढ़ में न समा जाएं। इस आशंका में लोग अपने आशियाने को ही ढ़हा रहे हैं। गांववासियों के चेहरे से मुस्कान गायब है। चिता की लकीरें खींच उठी हैं।

धनघटा तहसील क्षेत्र के गायघाट गांव के पप्पू, इंद्रेश, चंद्रभान, सुखई, दीनानाथ, प्रेमचंद्र व कंतू निषाद आदि लोग सोमवार को ईंट बचाने के लिए अपने पक्के मकान को ही ढहाने लगे। वह शाम तक ईंट को किसी सुरक्षित स्थान में ले जा नहीं पाए थे। इस गांव के हर किसी के चेहरे पर खौफ दिख रहा है। वह परिवार व पशुओं की जिदगी बचाने की कोशिश में लगे हुए हैं। ये गांव को छोड़कर किसी सुरक्षित स्थान पर जाने की तैयारी कर लिए हैं। सरयू नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। सरयू गायघाट गांव के दक्षिण कटान करते हुए गांव की तरफ बढ़ रही है। इससे लगभग 20 घर के ऊपर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। वर्ष 2012 का मंजर याद कर कांप जा रहे लोग

बाढ़ पीड़ित मंतोष, राजू, सर्वेश आदि का कहना है कि यह नदी इसी तरह कटान करते हुए वर्ष 2012 में तुर्कवलिया की तरफ जब बढ़ना शुरू की थी तो ग्रामीणों के सामने समस्या खड़ी हो गई थी। कटान की वजह से सात गांव नदी में समा गए थे, इन गांवों का अस्तित्व समाप्त हो गया था। वर्तमान में ऐसी स्थिति दिख रही है। बाढ़ का कहर तमाम लोगों पर पड़ सकता है। नदी अभी ज्यादा कटान नहीं कर रही है। सरयू नदी के जलस्तर व कटान पर नजर रखी जा रही है। बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए ठोस पहल की जाएगी।

वंदना पाण्डेय, तहसीलदार, धनघटा

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