सख्ती : पूर्वांचल में पराली जलाने वालों पर 35 लाख का अर्थदंड Gorakhpur News
पूर्वांचल में वर्ष 2018 की तुलना में इस वर्ष मंडल में 74 फीसद की कमी आई है। एक अक्टूबर से 30 नवंबर के बीच पराली जलाने के 382 मामले सामने आए।
गोरखपुर, जेएनएन। पर्यावरण के लिए संकट बनीं पराली जलाने की घटनाओं पर शासन की सख्ती का असर दिखने लगा है। वर्ष 2018 की तुलना में इस वर्ष मंडल में 74 फीसद की कमी आई है। एक अक्टूबर से 30 नवंबर के बीच पराली जलाने के 382 मामले सामने आए। कुल 1498 किसानों को नोटिस जारी हुए। पराली जलाने के 1480 आरोपितों पर 35 लाख 15 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया गया। इसमें करीब 15 फीसद की वसूली भी हो चुकी है।
मुख्य सचिव कर रहे हैं समीक्षा
पराली जलाने के मामले में हुई कार्रवाई की मुख्य सचिव वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये लगातार समीक्षा कर रहे हैं। मंडल में पराली जलाने को लेकर गोरखपुर जिले में 196 आरोपितों पर चार लाख 90 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया गया है। इनमें चार से 10 हजार रुपये की वसूली हुई है। महराजगंज जिले के 1038 लोगों पर 25 लाख पांच हजार रुपये का अर्थदंड लगाया गया है। इनमें 198 लोगों से पांच लाख रुपये की वसूली भी हो गई है। ऐसे ही देवरिया के 116 आरोपितों पर 31 हजार 500, कुशीनगर के 130 आरोपितों पर 20 हजार 500 रुपये का जुर्माना किया गया।
11 कंपाइन मशीन सीज
देवरिया के छह लोगों से 15 हजार, कुशीनगर के 26 लोगों से 57 हजार 500 रुपये की वसूली हो चुकी है। कृषि विभाग ने यह कार्रवाई बीते एक अक्टूबर से सात दिसंबर के बीच की है। संयुक्त कृषि निदेशक ओमवीर सिंह का कहना है कि अगले वर्ष पराली जलाने की घटनाएं न हों। इसे लेकर विभाग गंभीर है। वसूली के साथ-साथ 11 कंपाइन मशीन सीज की गई हैं। इसमें से सात कंपाइन महराजगंज और चार कुशीनगर जिले में सीज हुई हैं। महराजगंज जिले में कृषि विभाग के आठ कर्मचारी भी निलंबित किये जा चुके हैं।