पाक्सो कोर्ट की हकीकत : साढ़े चार साल में मात्र एक आरोपित को सजा, साढ़े पांच सौ मुकदमे लंबित Gorakhpur News

चौकाने वाले मामले यह हैं कि अप्रैल 2015 से अब तक मात्र एक ही पीडि़ता के मामले में आरोपित को सजा मिली है। जबकि 21 मामलों में आरोपितों को दोष मुक्‍त कर दिया गया है।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Sat, 07 Dec 2019 12:00 PM (IST) Updated:Sat, 07 Dec 2019 12:00 PM (IST)
पाक्सो कोर्ट की हकीकत : साढ़े चार साल में मात्र एक आरोपित को सजा, साढ़े पांच सौ मुकदमे लंबित Gorakhpur News
पाक्सो कोर्ट की हकीकत : साढ़े चार साल में मात्र एक आरोपित को सजा, साढ़े पांच सौ मुकदमे लंबित Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। महिला अपराध को लेकर सरकार से लेकर न्यायालय तक गंभीर है, किशोरियों के मामलों में जल्द न्याय दिलाने के लिए देवरिया के दीवानी न्यायालय में पाक्सो कोर्ट का गठन किया गया है। चार अप्रैल 2015 से अपर जिला जज एक के यहां पांच नवंबर 2019 तक पाक्सो के मामलों की सुनवाई हुई है। जबकि 6 नवंबर से इस मामले की सुनवाई के लिए अपर जिला जज के यहां पाक्सो कोर्ट का गठन किया गया है। खास बात यह है कि इस समय इस कोर्ट में साढ़े पांच सौ मुकदमे आज भी लंबित हैं। जबकि अपर जिला जज अजय कुमार प्रशिक्षण के लिए जनवरी तक जिले से बाहर हैं। ऐसे में पाक्सो एक्ट की सुनवाई नहीं हो पा रही है। चौकाने वाले मामले यह हैं कि अप्रैल 2015 से अब तक मात्र एक ही पीडि़ता के मामले में आरोपित को सजा मिली है। जबकि 21 मामलों में पीडि़ता या गवाह के बदल जाने के चलते आरोपितों को दोष मुक्त कर दिया गया।

इस मामले में मिली है सजा

खुखुंदू थाना में दर्ज दुष्कर्म के मामले में आरोपित गिरिजेश को अपर जिला जज एक के न्यायालय से 28 फरवरी 2019 को सजा सुनाई गई थी।

इन मामलों में आरोपित हो गए दोष मुक्त

रामपुर कारखाना के धनंजय को 20 अक्टूबर 2018, रामपुर कारखाना के चंदन को 15 अक्टूबर 2019, खुखुंदू के बिरजू गुप्ता को 14 अगस्त 2019, रुद्रपुर के मुकदमे में गोरखपुर के शाह आलम को 30 जनवरी 2019, रुद्रपुर के सोनू चौहान समेत चार आरोपितों को 17 अक्टूबर 2018, कोतवाली के अमित मद्धेशिया को 1 अक्टूबर 2018, अरुण कुमार गुप्ता खामपार को 18 जनवरी 2019, पन्नेलाल को 15 नवंबर 2018, रामपुर कारखाना के शमीम को 19 सितंबर 2018, रुद्रपुर के नवरत्न को 11 जनवरी 2019 समेत 11 अन्य मामलों में भी आरोपितों को दोष मुक्त कर दिया गया।

ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं दिख रहा एंटी रोमियो स्क्वायड का असर

शासन ने 2017 में मनचलों पर कार्रवाई करने के लिए एंटी रोमियो स्क्वायड का गठन किया। शहर से लेकर हर थाने पर टीम का गठन किया गया। शहर में तो एंटी रोमियो स्क्वायड तो काम कर रही है, लेकिन ग्रामीण अंचलों में इसका असर नहीं दिख रहा है। इस मामले में पुलिस अधीक्षक डा.श्रीपति मिश्र ने कहा कि पुलिस कर्मियों को दिशा निर्देश दिया गया है।

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