Indian Railways: पेपरलेस हुआ रेलवे का यह मंडल, ऑनलाइन होने लगे 100 फीसद कार्य Gorakhpur News
Indian Railways रेलवे का लखनऊ मंडल पूरी तरह से पेपरलेस हो गया है। अब यहां 100 फीसद कार्य ऑनलाइन होने लगे हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। पूर्वोत्तर रेलवे स्थित लखनऊ मंडल के दफ्तरों का कार्य पेपरलेस हो गया है। 100 फीसद कार्य ऑनलाइन होने लगे हैं। इसके साथ ही लखनऊ, भारतीय रेलवे में पूरी तरह पेपरलेस सिस्टम पर कार्य करने वाले पहला मंडल बन गया है। मंडल के कार्यालय मुख्यालय व अन्य दूरस्थ दफ्तरों से ऑनलाइन जुड़ गए हैं। संबंधित अधिकारी और कर्मचारी ई आफिस और अन्य आइटी माड्यूलों के जरिये पेपरमुक्त सिस्टम पर कार्य कर रहे हैं। दूर स्थित कार्यालयों में जहां सिर्फ सुपरवाइजर स्तर के कर्मी तैनात हैं, वहां भी संसाधनों को साझा करने के लिए डिजिटल कियोस्क स्थापित हैं। ताकि, मंडल के छोटे-बड़े, नजदीक और दूर सभी दफ्तर आपस में ऑनलाइन जुड़कर फाइलों का आदान-प्रदान कर सकें।
इन माड्यूलों पर भी हो रहा काम
ई आफिस के अलावा ई डास (ड्राविंग अप्रूवल सिस्टम), एचआइएमएस (हॉस्पिटल इंफार्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम), आरइएमएक्यू (रेलवे मेंटीनेंस एंड एनालिसिस आफ क्वार्टर कंप्लेंट्स) तथा आइआरडब्लूसीएमएस (इंडियन रेलवे वर्क कांट्रेक्ट मैनेजमेंट सिस्टम)।
पारदर्शिता के साथ बढ़ी है जवाबदेही
जनसंपर्क अधिकारी महेश गुप्ता के अनुसार ई आफिस प्रणाली के जरिये कार्य में पारदर्शिता के साथ जवाबदेही और गोपनीयता बढ़ी है। दस्तावेजों की सुरक्षा के साथ समय की भी बचत हो रही है। अब मंडल में कागज आधारित फाइल संग्रह की आवश्यकता समाप्त हो गई है। कर्मचारियों के बिल, मास्टर सीट, निरीक्षण नोट, छुट्टी के आवेदन, पदोन्नति और सेवानिवृत्ति सहित समस्त कार्य ऑनलाइन शुरू हो गए हैं।
गोरखपुर सहित 81 स्टेशनों पर लगे सोलर लाइट
रेलवे के गोरखपुर सहित तीनों मंडल के 81 रेलवे स्टेशनों पर सोलर लाइट लगा दिए गए हैं। गोरखपुर में बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा का उपयोग कर बिजली बचाई जा रही है। रेलवे स्टेशन, यांत्रिक कारखाना, प्रमुख मुख्य यांत्रिक इंजीनियर कार्यालय, प्रमुख मुख्य चिकित्सा निदेशक दफ्तर भवन पर सोलर लाइटें लगी हैं। लखनऊ, इज्जतनगर और वाराणसी मंडल के मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय, वाराणसी स्थित कोचिंग डिपो, लखनऊ मंडल चिकित्सालय बादशाहनगर तथा बस्ती रेलवे स्टेशन पर भी ये लाइटें लगाई गईं हैं। विभिन्न स्थलों पर सोलर ऊर्जा के प्रयोग से वर्ष 2018-19 में 30 लाख यूनिट तथा वर्ष 2019-20 में 37.30 लाख यूनिट ऊर्जा का उत्पादन हुआ। वर्ष 2018-19 में 2.32 करोड़ रुपये तथा 2019-20 में 3.21 करोड़ के रेल राजस्व की बचत हुई।