कोरोना काल में फोन पर सब्जियां घर पहुंचा रहे हैं पंचराम

संतकबीर नगर खलीलाबाद कोतवाली क्षेत्र के भाटपार गांव के पंचराम कोरोना काल में फोन पर लोगों के घरो पर ताजी सब्जियां पहुंचा रहे हैं। बाजार से कम कीमत पर हरी सब्जियां मिलने से लोगों को राहत मिली है। गरीबों से सब्जी का पैसा नहीं लेते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 11:30 PM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 11:30 PM (IST)
कोरोना काल में फोन पर सब्जियां घर पहुंचा रहे हैं पंचराम
कोरोना काल में फोन पर सब्जियां घर पहुंचा रहे हैं पंचराम

संतकबीर नगर : खलीलाबाद कोतवाली क्षेत्र के भाटपार गांव के पंचराम कोरोना काल में फोन पर लोगों के घरो पर ताजी सब्जियां पहुंचा रहे हैं। बाजार से कम कीमत पर हरी सब्जियां मिलने से लोगों को राहत मिली है। गरीबों से सब्जी का पैसा नहीं लेते हैं।

जनपद में जबसे कोरोना क‌र्फ्यू लगा है, तभी से उन्होंने अपनी सब्जी को मंडी ले जाना बंद कर दिया और अपने गांव के लोगों को देना शुरू कर दिया है। अब तो गांव के बच्चे उन्हें सब्जी बाबा के नाम से पुकारने लगे हैं। भाटपार अभी तक कोरोना से अछूता है तो इसमें पंचराम की भूमिका भी महत्वपूर्ण है।

पंचराम कहते हैं कि कोरोना बढ़ रहा है। बचने के लिए लोगों को अपने घरों में ही रहना चाहिए। कहीं भी भीड़ का हिस्सा बनने से परहेज करना होगा। दो गज दूरी, मास्क है जरूरी, के नियम का पालन करके ही कोरोना से बचा जा सकता है।

वह गांव के लोगों को अपनी लागत पर घर-घर सब्जी पहुंचा रहे हैं। उनके परिवार का पुश्तैनी कारोबार ही सब्जियों की खेती का है। कोरोना क‌र्फ्यू के पहले ही उन्होंने अपने एक एकड़ खेत में नेनुआ, भिडी, लौकी, बैगन, बोड़ा समेत अनेक प्रकार की सब्जियां बोयी थीं। उन्होंने कोरोना क‌र्फ्यू लगते ही गांव के लोगों से मिलकर बता दिया कि आप लोगों को सब्जी के लिए बाजार नहीं जाना है। वह बाजार से भी कम कीमत पर घर पर ही सब्जी उपलब्ध करा देंगे। अगर पैसा नहीं है तो भी आप लोग परेशान मत होइये। संकट की इस घड़ी में वह बिना पैसे के सब्जी खिलाएंगे।

-------------------- तीन हजार की आबादी को उपलब्ध करा रहे सब्जियां भाटपार गांव की आबादी लगभग तीन हजार है। गांव निवासी कन्हैया अग्रहरि, सच्चिदानंद, रामवृक्ष, रामकेवल, बबलू गौड़, सोनू, बबलू, टीहुल नई, हजारी, ओमप्रकाश, बुझारत, ललित, हिरावन आदि का कहना है कि सब्जी की खरीद के लिए हमें भुजैनी बाजार जाने की मजबूरी थी। पंचराम की पहल से अब किसी को भी बाजार नहीं जाना पड़ रहा है। आलू-प्याज आदि लोगों ने पहले ही खरीद कर रखा है। हरी सब्जियां गांव में ही मिल जा रही हैं। पंचराम लोगों को निश्शुल्क सब्जी देकर अपना फर्ज निभा रहे हैं। ऐसे में हमारा भी धर्म बनता है कि उनकी मदद करें।

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