पाकिस्तानी छुहारा बाजार से हुआ गायब Gorakhpur News

आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान से आयातित सामान पर सरकार ने 200 फीसद आयात शुल्क लगा दिया। इससे वह महंगा हो गया। अब बाजार में ही पाकिस्‍तानी छुहाड़ा नहीं है।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Wed, 08 Jul 2020 06:34 PM (IST) Updated:Wed, 08 Jul 2020 06:34 PM (IST)
पाकिस्तानी छुहारा बाजार से हुआ गायब Gorakhpur News
पाकिस्तानी छुहारा बाजार से हुआ गायब Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। पाकिस्तान से आने वाले छुहारे बाजार से लगभग गायब हो गए हैं। किराने की दुकानों पर जो छुहारे बिक रहे हैं, उनकी गुणवत्ता ठीक नहीं है और दाम भी दोगुना लिया जा रहा है। लॉकडाउन के बाद से ही बाजार में छुहारे की खेप नहीं आ पाई है। खपत का करीब 50 फीसद छुहारा पाकिस्तान से वाया नेपाल तस्करों के जरिये आता है। गोरखपुर की मंडी से ही छुहारा आसपास के जिलों के अलावा आजमगढ़, मऊ व बिहार तक जाता है।

नेपाल के रास्ते तस्करी होकर आता है पचास फीसद माल

पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान से आयातित सामान पर सरकार ने 200 फीसद आयात शुल्क लगा दिया था। जब छुहारा महंगा पडऩे लगा, तो व्यापारी नेपाल के रास्ते तस्करों से माल मंगवाने लगे। नेपाल के रास्ते आने वाला छुहारा उन्हें करीब 40 फीसद सस्ता पड़ता है। लॉकडाउन के पहले तक अच्‍छी किस्म का छुहारा 150 रुपये किलो तक आसानी से मिल जाता था, अब दोयम दर्जे वाला 280 रुपये किलो मिल रहा है। साहबगंज के किराना कारोबारी प्रदीप कुमार ने बताया कि पाकिस्तान से छुहारा कश्मीर के रास्ते आता था, रेट स्थिर था। जब अफगानिस्तान व खाड़ी देशों से होकर भारत में आने लगा, तो कीमत 25 फीसद तक बढ़ गई। जाफरा बाजार में किराना की दुकान चलाने वाले मोहम्मद जाहिद ने बताया कि प्रतिदिन औसतन 30 किलो छुहारा बिक जाता था, लेकिन गुणवत्ता खराब होने के कारण ग्राहक ले नहीं रहे हैं। बाजार में अच्‍छा माल उपलब्ध नहीं है।

छुहारे का विकल्प बना खजूर

कारोबारियों के मुताबिक छुहारे का सस्ता विकल्प खजूर है। यह ईरान के अलावा अधिकतर खाड़ी देशों से आता है। यह बाजार में 150 से 2000 रुपये प्रति किलो के भाव से उपलब्ध है। इसमें गुणवत्ता बेहिसाब है। छुहारे के मुकाबले खजूर नरम होता है और बुजुर्ग भी उसे आसानी से खा सकते हैं। यही वजह है कि बाजार में खजूर की मांग बढ़ती जा रही है। 

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