संतकबीरनगर में 94496 हेक्टेयर भूमि में की गई है धान की खेती, जिले को जल्द मिलेगी 950 एमटी यूरिया

संतकबीरनगर जिले में मुख्‍य रूप से धान की खेती होती है। इस समय किसान खाद की किल्‍लत का सामना कर रहे हैं। जिला कृषि अधिकारी ने तीन दिन के 950 मिट्रिक टन खाद जिले में उपलब्‍ध होने का भरोसा दिया है।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Publish:Tue, 24 Aug 2021 09:15 AM (IST) Updated:Tue, 24 Aug 2021 09:15 AM (IST)
संतकबीरनगर में 94496 हेक्टेयर भूमि में की गई है धान की खेती, जिले को जल्द मिलेगी 950 एमटी यूरिया
संतकबीनगर जिले में किसानों को जल्‍दी मिलेगी खाद। प्रतीकात्‍मक फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। संतकबीर नगर जिले को जल्द 950 मीट्रिक टन (एमटी) यूरिया मिल जाएगी। तीन दिन के अंदर एक रैक यूरिया मिलने की उम्‍मीद है। धान की खेती करने वाले किसान यूरिया की किल्लत नहीं झेलेंगे। कृषि विभाग ने सभी विक्रेताओं को चेतावनी दे दी है कि खाद खरीदने के बाद किसानों को तुरंत रसीद दें, अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अधिक मूल्‍य वसूलने या फिर खाद के साथ दूसरी चीजें खरीदने का दबाव बनाने की शिकायत मिलने पर भी विक्रेता के खिलाफ कार्रवाई होनी तय है। 

जिले की मुख्‍य फसल है धान

जनपद में इस साल 94496 हेक्टेयर भूमि में धान की खेती की गई है। जनपद की मुख्य फसल धान है। इस बार लगभग 80 फीसद भूमि पर सामान्य धान वहीं शेष 20 फीसद भूमि पर संकर धान की खेती की गई है । वर्तमान में यूरिया पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। खरीफ के लिए लक्ष्य 24000 एमटी के सापेक्ष करीब 21302 एमटी यूरिया प्राप्त हो चुकी है। जिले के निजी एवं सहकारिता क्षेत्र के खाद बिक्री केंद्रों पर करीब 2000 एमटी यूरिया उपलब्ध है। वहीं पीसीएफ के गोदाम में करीब 2600 एमटी यूरिया उपलब्ध है। इसमें से 33 फीसद यूरिया किसी भी समय समितियों को भेजी जा सकती है।

आंवला प्‍लांट से मगाई जा रही है इफ्को यूरिया

इफ्को यूरिया की एक रैक आंवला प्लांट से आ रही है। इससे लगभग 950 एमटी यूरिया मिल जाएगी। वहीं तीन दिन के अंदर काकीनाड़ा पोर्ट से आयातित यूरिया की एक रैक प्राप्त हो रही है। इसके अलावा डीएपी, एमओपी, एसएसपी सहित अन्य खाद भी उपलब्ध है।

रसीद न देने पर खाद विक्रेताओं पर होगी कार्रवाई

जिला कृषि अधिकारी पीसी विश्‍वकर्मा ने बताया कि किसान खाद खरीदने के लिए आधार कार्ड लेकर बिक्री केंद्र पर पहुंचे। जोत एवं बोई गई फसल के अनुरूप ही खाद खरीदें। विक्रेता से तुरंत रसीद भी प्राप्त करें। जो विक्रेता खाद खरीदने के बाद किसानों को तुरंत रसीद नहीं देंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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