सिद्धार्थ विश्वविद्यालय व कालेजों मेंआक्सीजन बनाने की तलाशी जाएगी संभावनाएं

सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेंद्र दुबे ने बताया कि शासन ने विश्वविद्यालय से सूचना मांगी है। इसे संज्ञान में लेने के बाद संबंधित अधिकृत गूगल मैप पर अपलोड कर दिया गया है। जिस कालेज में रसायन विज्ञान की पढ़ाई होती है उसके संबंध में सभी जानकारी प्रेषित की गई है। अब शासन से निर्देश मिलने के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 06:25 AM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 06:25 AM (IST)
सिद्धार्थ विश्वविद्यालय व कालेजों मेंआक्सीजन बनाने की तलाशी जाएगी संभावनाएं
सिद्धार्थ विश्वविद्यालय व कालेजों मेंआक्सीजन बनाने की तलाशी जाएगी संभावनाएं

सिद्धार्थनगर : शासन स्तर आक्सीजन की कमी को दूर करने का हर संभव प्रयास हो रहा है। इसके लिए सभी संभावनाओं पर विचार हो रहा है। अब शासन ने महामारी को दूर करने में सभी विश्वविद्यालय व कालेज से सहयोग करने के लिए कहा है। इनके प्रयोगशाला के संबंध में जानकारी मांगी है। इसमें उपलब्ध सभी उपकरण के संबंध में पूछा गया है। शासन अब इन प्रयोगशाला में आक्सीजन तैयार करेगी। सिद्धार्थ विश्वविद्यालय से संबंद्ध 104 कालेज में रसायन विज्ञान की पढ़ाई होती है। इन कालेज में प्रयोगशाला भी हैं।

विशेष सचिव उत्तर प्रदेश शासन श्रवण कुमार सिंह ने सभी विवि व उनसे संबंद्ध कालेज को पत्र जारी किया है। कहा है कि महामारी के इस दौर में संक्रमण की रोकथाम के लिए सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं। कोविड के उपचार में आक्सीजन एक बड़ी आवश्यकता है। अगर आपके विश्वविद्यालय व कालेज के रसायन विज्ञान संकाय व अन्य संकाय में आक्सीजन का उत्पादन किया जा सकता है तो इसकी सभी जानकारियों को शासन की अधिकृत गूगल मैप पर अपलोड किया जाए। जिससे स्वास्थ्य विभाग की मदद से इस महामारी को रोका जा सके। सिविवि से संबंद्ध हैं 271 कालेज

सिद्धार्थ विश्वविद्यालय से छह जिलों के 271 कालेज संबंद्ध है। इन कालेज ेमें सभी विषयों की शिक्षा दी जा रही है। विश्वविद्यालय के 104 कालेज में केमेस्ट्री की पढ़ाई होती हैं। इन कालेजों में उच्चीकृत प्रयोगशाला भी स्थापित है। विवि कैंपस में अभी रसायन विज्ञान की पढ़ाई नहीं शुरू हुई है।

सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेंद्र दुबे ने बताया कि शासन ने विश्वविद्यालय से सूचना मांगी है। इसे संज्ञान में लेने के बाद संबंधित अधिकृत गूगल मैप पर अपलोड कर दिया गया है। जिस कालेज में रसायन विज्ञान की पढ़ाई होती है, उसके संबंध में सभी जानकारी प्रेषित की गई है। अब शासन से निर्देश मिलने के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।

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