गोरखपुर में दूर हुई आक्सीजन की किल्लत, आसानी से भरे जाने लगे सिलेंडर Gorakhpur News
गोरखपुर में ऑक्सीजन किल्लत दूर होने से अब लोगों के आक्सीजन सिलेंडर आसानी से भरेे जा रहे हैं। प्लांटों पर पहुंचते ही बिना लाइन के महज कुछ ही देर में खाली सिलेंडर भरकर मिले जाने से लोगों को काफी राहत मिली है।
गोरखपुर, जेएनएन। आक्सीजन सिलेंडर का उत्पादन बढ़ने के साथ ही मांग कम होती जा रही है। किल्लत दूर होने से अब लोगों के आक्सीजन सिलेंडर आसानी से भरेे जा रहे हैं। प्लांटों पर पहुंचते ही बिना लाइन के महज कुछ ही देर में खाली सिलेंडर भरकर मिले जाने से लोगों को काफी राहत मिली है। बुधवार को मोदी केमिकल्स की एक तथा आरके आक्सीजन प्लांट में मांग नहीं होने के कारण कुछ देर के लिए फैक्ट्री को बंद भी करना पड़ा।
सिटी मजिस्ट्रेट ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
कोरोना संक्रमित मरीजों को आक्सीजन उपलब्ध कराना चुनौतीपूर्ण काम था। आपूर्ति को व्यवस्थित रखने के लिए प्रशासन ने सभी प्लांट की व्यवस्था अपने हाथ में ले ली थी। 24 घंटे प्लांट संचालित कराकर उत्पादन भी बढ़ाया गया। सिटी मजिस्ट्रेट अभिनव रंजन श्रीवास्तव की निगरानी में तीनों प्लांट पर अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई। इस बीच अस्पतालों को समय से आक्सीजन उपलब्ध कराने के साथ ही होम आइसोलेशन वाले मरीजों के लिए भी आक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर ध्यान दिया गया।
कम हुई भीड़
करीब एक पखवारे पहले तक गीडा की तीनों आक्सीजन सिलेंडर रिफिल करने वाली फैक्ट्रियों पर भीड़ लगी रहती थी लेकिन अब भीड़ कम हो गई है। बुधवार को सुबह साढ़े आठ बजे से लेकर 10.30 बजे तक आरके आक्सीजन फैक्ट्री को बंद रखा गया, जबकि मोदी केमिकल्स के प्लांट को दोपहर के समय करीब एक घंटा के लिए बंद रखा गया। चौथी फैक्ट्री अन्नपूर्णा एयर गैसेज में नया रिंग-पिस्टन आ गया है, जिसे लगाया जा रहा है। एसडीएम सुरेश राय ने कहा कि अब सिलेंडर की दिक्कत नहीं है और सबको आसानी से मिल रहा है। साथ ही गोरखपुर-बस्ती मंडल के अन्य जिलों में भी सिलेंडर मांग के हिसाब से भेजा रहा है।
होम आइसाेलेशन वाले मरीजों के लिए गीडा में व्यवस्था
जिले में होम आइसोलेशन वाले मरीजों के लिए गीडा में आक्सीजन सिलेंडर भरवाने की व्यवस्था की गई है। किल्लत के समय वहां अलग लाइन भी लगवाई जा रही थी। इस समय भी होम आइसोलेशन वाले मरीजों के लिए आक्सीजन सिलेंडर पाने की व्यवस्था वहीं से हो रही है।
गीडा में आक्सीजन सिलेंडर के लिए एक सप्ताह पहले काफी मारामारी थी। एक बार आया था तो काफी भीड़ लगी थी और दस घंटे के बाद सिलेंडर किसी तरह से भरा गया। अबकी बार कोई दिक्कत नहीं है और आते ही सिलेंडर को भरने के लिए लगा दिया गया। - संदीप कुमार, साड़ेकला, संतकबीरनगर
भाई की तबियत बिगडऩे के बाद पहली बार आक्सीजन सिलेंडर लेने से बस्ती से आए है। लोगों के तरफ से काफी भीड़ होने और सिलेंडर मिलने में परेशानी होने की बात सुनी थी लेकिन यहां आने पर आसानी से सिलेंडर रिफिलिंग हो गया। - राजकुमार, रोड़ गड़ेरिया खुर्द, बस्ती।