Indian Railway: अब रेलवे भी खोलेगा आक्सीजन जनरेटिंग प्लांट Gorakhpur News

रेलवे बोर्ड का कहना है कि महाप्रबंधक आवश्यकतानुसार प्लांट खोल सकते हैं। प्लांट खोलने के लिए वे वित्तीय वर्ष 2021-22 में जरूरत के हिसाब से अधिकतम दो करोड़ रुपये तक खर्च कर सकते है। दरअसल कोरोना वायरस के दूसरे लहर ने रेलवे को भी प्रभावित किया है।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 03:52 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 06:09 PM (IST)
Indian Railway: अब रेलवे भी खोलेगा आक्सीजन जनरेटिंग प्लांट Gorakhpur News
भारतीय रेल के संबंध में प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो, जेएनएन।

गोरखपुर, जेएनएन। ललित नारायण मिश्र केंद्रीय रेलवे अस्पताल के कोविड सेंटर में अब बिना आक्सीजन के किसी रेलकर्मी या उनके स्वजन की मौत नहीं होगी। रेलवे के मंडलीय अस्पतालों में भी अफरा- तफरी नहीं मचेगी। न ही रेलवे प्रशासन आक्सीजन को लेकर चिंतित होगा। अब पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर सहित भारतीय रेलवे के सभी जोन और उत्पादन इकाइयों (कारखानों) में आक्सीजन जनरेटिंग प्लांट खुलेगा। प्लांट लगाने के लिए रेलवे बोर्ड ने सभी महाप्रबंधकों को अधिकार प्रदान कर दिया है।

 रेलवे बोर्ड का कहना है कि महाप्रबंधक आवश्यकतानुसार प्लांट खोल सकते हैं। प्लांट खोलने के लिए वे वित्तीय वर्ष 2021-22 में जरूरत के हिसाब से अधिकतम दो करोड़ रुपये तक खर्च कर सकते है। दरअसल, कोरोना वायरस के दूसरे लहर ने रेलवे को भी प्रभावित किया है। गोरखपुर सहित देशभर में बड़ी संख्या में रेलकर्मी संक्रमित हो रहे हैं। लेकिन सबका समुचित उपचार नहीं हो पा रहा है। इसका असर ट्रेनों के संचालन पर पडऩे लगा है।

नरमू ने महाप्रबंधक को लिखा पत्र, बताई जरूरत

हालांकि, रेलवे प्रशासन केंद्रीय और मंडलीय अस्पतालों में लेवल टू स्तर का कोविड सेंटर खोल रहा है, लेकिन कोविड सेंटर इलाज के लिए पर्याप्त नहीं है। सेंटरों में न पर्याप्त आक्सीजन है और न आवश्यक दवाइयां। इलाज को लेकर रेलकर्मियों में डर और भय का माहौल बढ़ता जा रहा है। ऐसे में रेलवे बोर्ड की यह पहल रेलकर्मियों में नए जीवन का संचार करेगी। रेलवे बोर्ड के इस अहम निर्णय का स्वागत करते हुए एनई रेलवे मजदूर यूनियन (नरमू) ने पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक विनय कुमार त्रिपाठी को पत्र लिखा है। यूनियन के महामंत्री केएल गुप्त ने महामारी के दौरान आक्सीजन की जरूरत का हवाला देते हुए मुख्यालय गोरखपुर सहित लखनऊ, वाराणसी और इज्जतनगर मंडल में आक्सीजन जनरेटिंग प्लांट तैयार करने की मांग की है। ताकि, रेलकर्मियों व उनके स्वजन को सुरक्षित किया जा सके। उन्होंने बताया कि आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (एआइआरएफ) के महासचिव शिव गोपाल मिश्र ने इस प्रकरण को रेलवे बोर्ड के समक्ष उठाया था।

पूर्वोत्तर रेलवे को मिलेगा दो सौ रेमडेसिविर इंजेक्शन

अब रेलकर्मी व उनके स्वजन कोरोना से संक्रमित होने के बाद आवश्यकता पडऩे पर रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए मारे-मारे नहीं फिरेंगे। रेल मंत्रालय की पहल पर रेलवे बोर्ड ने पूर्वोत्तर रेलवे के 200 रेमडेसिविर उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। यह इंजेक्शन रेलवे अस्पतालों में इलाज करा रहे रेलकर्मियों व उनके स्वजन को जरूरत के हिसाब से लगाया जाएगा। फिलहाल, रेलमंत्रालय पूर्वोत्तर रेलवे सहित भारतीय रेलवे के सभी जोन को कुल 7500 रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध कराने की योजना तैयार कर ली है। इसके लिए यह इंजेक्शन बनाने वाली देश की प्रतिष्ठित फर्म से करार भी कर लिया है। दरअसल, रेलवे अस्पतालों में उपचार करा रहे संक्रमितों को रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं मिल पा रहा है। स्वजन इंजेक्शन के लिए इधर-इधर भटकने को मजबूर हैं। बाजार से भी निराशा ही हाथ लग रही है। इंजेक्शन को लेकर रेलकर्मी ही नहीं रेलवे प्रशासन भी परेशान है। ऐसे में रेलवे बोर्ड के जरिये मिलने वाला रेमडेसिविर इंजेक्शन संक्रमितों को राहत पहुंचाएगा। यहां जान लें कि कोरोना संक्रमित लोगों को यह इंजेक्शन दिया जाता है।

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