Oxygen Crisis In Gorakhpur: 40 हजार में बिक रहा था आक्सीजन सिलेंडर, पुलिस ने छापेमारी कर जब्त किए सौ सिलेंडर

गोरखपुर में कोरोना संक्रमित मरीजों की मजबूरी का फायदा उठाकर पांच से 10 हजार रुपये वाले सिलेंडर 25-40 हजार रुपये में बेचे जा रहे थे। प्रशासन ने दुकान को सील कर दिया है। पुलिस इस मामले में एफआइआर दर्ज कराने की तैयारी कर रही है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 11:20 AM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 07:35 PM (IST)
Oxygen Crisis In Gorakhpur: 40 हजार में बिक रहा था आक्सीजन सिलेंडर, पुलिस ने छापेमारी कर जब्त किए सौ सिलेंडर
पुलिस ने छापेमारी कर सौ आक्‍सीजन सिलेंडर बरामद किया है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। प्रशासन ने गोरखनाथ क्षेत्र के 10 नंबर बोरिंग के पास छापा मारकर सौ आक्सीजन सिलेंडर जब्त किए हैं। कोरोना संक्रमित मरीजों की मजबूरी का फायदा उठाकर पांच से 10 हजार रुपये वाले सिलेंडर 25-40 हजार रुपये में बेचे जा रहे थे। प्रशासन ने दुकान को सील कर दिया है। देर रात गोरखनाथ थाने में एफआइआर दर्ज कराने की तैयारी चल रही थी। दुकान के मालिक का नाम दिनेश दुबे है।

आक्सीजन सिलेंडर बिक्री की नहीं थी अनुमति, दुकान सील की गई

आक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। सिटी मजिस्ट्रेट अभिनव रंजन श्रीवास्तव ने बताया कि जय अंबे ट्रेडर्स से आक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी की सूचना मिली थी। मंगलवार दोपहर पुलिस बल के साथ दुकान में छापा मारा गया तो तकरीबन सौ आक्सीजन सिलेंडर बरामद हुए। दुकान मालिक दिनेश दुबे को आक्सीजन सिलेंडर बेचने की अनुमति नहीं थी। पूछताछ में दिनेश दुबे ने बताया कि सिलेंडर के बदले वह 25 से 40 हजार रुपये लेता था। कार्बनडाई आक्साइड वाले सिलेंडरों को खाली कर उसमें आक्सीजन भरकर बेचा जाता था।

रेग्युलेटर भी तीन गुने दाम पर

जय अंबे ट्रेडर्स में न सिर्फ आक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी हो रही थी वरन रेग्युलेटर भी तीन गुने से ज्यादा कीमत पर बेचे जा रहे थे। आक्सीजन की कमी से तड़प रहे स्वजन की जान बचाने के लिए लोग मुंहमांगी कीमत पर सिलेंडर और रेग्युलेटर खरीद रहे थे।

40 हजार में खरीदा सिलेंडर, फिर भी नहीं बचे पापा

गोरखनाथ के शास्त्रीपुरम निवासी उद्योग विभाग से सेवानिवृत्त मेहरबान अंसारी के बेटे इरफान अहमद ने जय अंबे ट्रेडर्स से ही 40 हजार रुपये में आक्सीजन सिलेंडर खरीदा था। इरफान बताते हैं कि पुलिस व प्रशासन की कार्रवाई से बचने के लिए मां अंबे ट्रेडर्स से सीधे आक्सीजन सिलेंडर नहीं मिले। एक लड़के के माध्यम से दूसरे स्थान पर सिलेंडर दिए जाते थे। इसके लिए पहले ही रुपये जमा करा लिए जाते हैं। बताया कि पापा की जान बचाने के लिए आक्सीजन सिलेंडर खरीदा लेकिन उन्हें नहीं बचा सके।

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