खुद का मकान, दूसरे के नाम पर कर, कम्प्यूटर में नाम न दर्ज होने के कारण भटक रही थीं गृहस्‍वामिनी

इलाहीबाग की उमरावती ने यहीं की कुच्‍ची से मकान खरीदा और उसमें रहने लगीं। कुच्‍ची का नाम खारिज कर उन्होंने नगर निगम में अपना नाम दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया। 29 जून 2009 को अमरावती का नाम रजिस्टर में तो दर्ज कर दिया गया।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 04:41 PM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 04:41 PM (IST)
खुद का मकान, दूसरे के नाम पर कर, कम्प्यूटर में नाम न दर्ज होने के कारण भटक रही थीं गृहस्‍वामिनी
खुद का मकान, दूसरे के नाम पर कर, भटक रही थीं गृहस्‍वामिनी। प्रतीकात्‍मक फाेेेेेटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। इलाहीबाग की उमरावती ने यहीं की कुच्‍ची से मकान खरीदा और उसमें रहने लगीं। कुच्‍ची का नाम खारिज कर उन्होंने नगर निगम में अपना नाम दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया। 29 जून 2009 को अमरावती का नाम रजिस्टर में तो दर्ज कर दिया गया लेकिन नगर निगम के कम्प्यूटर में नाम नहीं दर्ज हुआ। इसके बाद 12 साल से उमरावती रह तो अपने मकान में रही थीं लेकिन कर कुच्‍ची के नाम से जमा कर रही थीं।

नगर आयुक्‍त ने दूर कराई गलती

सोमवार को उमरावती अपने स्वजन के साथ नगर आयुक्त अविनाश सिंह के पास पहुंचीं। उन्होंने मकान के कागजात दिखाये और बताया कि 12 साल से वह पुराने भवन स्वामी के नाम पर किराया जमा कर रही हैं। नगर आयुक्त ने रिकार्ड देखा तो अमरावती की बात सही निकली। अमरावती ने बताया कि वर्ष 2009 में ही उन्होंने कर की रसीद में गलती दूर कराने के लिए आवेदन किया था लेकिन बाद में इसे ठीक करने की बात कहकर वापस कर दिया गया। तबसे वह कई बार स्वजन के साथ नगर निगम आयीं लेकिन हर बार बाद में आने को कहा गया।

15 मिनट में सुधारी गलती

नगर आयुक्त ने उप नगर आयुक्त संजय शुक्ल को अमरावती के प्रकरण का तत्काल समाधान कराने को कहा। उप नगर आयुक्त ने कम्प्यूटर सेक्शन के कर्मचारियों को बुलाकर पूरी बात समझी। 15 मिनट में ही गलती सुधार कर नगर निगम प्रशासन ने अमरावती के नाम से रसीद जारी कर दी। उप नगर आयुक्त ने बताया कि महिला का नाम नगर निगम के रजिस्टर में दर्ज था लेकिन कम्प्यूटर पर नाम नहीं चढ़ पाया था।

नगर निगम से जुडी हर परेशानी का तेजी से किया जा रहा समाधान

नगर आयुक्‍त अविनाश सिंह ने बताया कि नामांतरण और नगर निगम से जुड़ी हर तरह की परेशानी का तेजी से समाधान कराया जा रहा है। सभी अफसरों और कर्मचारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह नागरिकों की समस्या सुनें और उसका तत्काल समाधान कराएं। इसमें किसी तरह की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी।

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