Panchayat elections: अपनी परफार्मेंस से हासिल किया ग्रांट, निवर्तमान प्रधानों को सता रही सीट बदलने की चिंता

जिले के कई ग्राम प्रधानों ने अपने कार्यकाल में आय अर्जित करने की व्यवस्था बनायी थी। इनमें से 34 गांवों के माडल को बेहतर मानते हुए सरकार ने विकास के लिए परफार्मेंस ग्रांट के रूप में विशेष बजट की घोषणा की।

By Satish chand shuklaEdited By: Publish:Fri, 26 Feb 2021 05:05 PM (IST) Updated:Fri, 26 Feb 2021 05:05 PM (IST)
Panchayat elections: अपनी परफार्मेंस से हासिल किया ग्रांट, निवर्तमान प्रधानों को सता रही सीट बदलने की चिंता
पंचायत चुनाव के संबंध में प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियों में प्रशासन जहां तेजी से जुटा है, वहीं चुनाव लडऩे की इच्‍छा रखने वाले फिलहाल अपने मन मुताबिक आरक्षण आवंटन होने का इंतजार कर रहे हैं। स्वयं आय अर्जित करने के मामले में बेहतर परफार्मेंस (प्रदर्शन) की बदौलत करोड़ों की ग्रांट पाने वाले ग्राम प्रधान अगले कार्यकाल में इस धनराशि का स्वयं उपयोग कर पाने को लेकर संशय में हैं। आरक्षण को लेकर जारी हुए दिशा-निर्देशों से कुछ ऐसे ही हालात नजर आ रहे हैं। जिले में परफार्मेंस ग्रांट पाने वाले कई गांवों में आरक्षण आवंटन बदलने की संभावना है।

34 गांवों के लिए हुई थी विशेष बजट की घोषणा

जिले के कई ग्राम प्रधानों ने अपने कार्यकाल में आय अर्जित करने की व्यवस्था बनायी थी। इनमें से 34 गांवों के माडल को बेहतर मानते हुए सरकार ने विकास के लिए परफार्मेंस ग्रांट के रूप में विशेष बजट की घोषणा की। कार्यकाल समाप्त होने के करीब छह महीने पहले पहली किस्त के रूप में इन गांवों में 50-50 लाख रुपये की धनराशि आ गई। प्रक्रिया पूरी करते-करते कार्यकाल समाप्त हो गया और ये ग्राम प्रधान गांव में विकास पर धनराशि खर्च नहीं कर पाए। कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही उन्होंने काफी संघर्ष भी किया लेकिन उनकी मंशा पूरी नहीं हुई। प्रधानों को इस बात की उम्मीद थी कि बेहतर कार्यों के कारण चुनाव जीतकर अगला कार्यकाल हासिल कर लेंगे लेकिन आरक्षण को लेकर बनी व्यवस्था ने उनके विश्वास को डिगा दिया है। कोई भी ग्राम प्रधान इस बात का दावा नहीं कर पा रहा कि उसे इस बार भी प्रधानी के चुनाव में दावेदारी करने का मौका मिलेगा। चक्रानुक्रम के नियम को देखें तो कई गांवों में आरक्षण आवंटन बदलने की संभावना जतायी जा रही है।

विश्वासपात्र प्रत्याशी की चल रही तलाश

आरक्षण के फेर में यदि ग्राम पंचायत की सीट मनमाफिक नहीं रही तो प्रधान अपने किसी विश्वासपात्र व्यक्ति को चुनाव लड़ाने की तैयारी में भी हैं। इसके लिए आरक्षित वर्ग के ऐसे लोगों की तलाश जारी है, जो चुनाव जीतने के बाद भी उनके अपने बने रहें।

chat bot
आपका साथी