जिओ टैगिंग व मैपिंग वाले स्कूल ही बन सकेंगे केंद्र Gorakhpur News

हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा में एक केंद्र से दूसरे केंद्र की दूरी जानने के लिए जिओ टैगिंग व मैपिंग को अनिवार्य कर दिया गया है। इसे न करने वाले विद्यालय इस बार केंद्र नहीं बनेंगे। मंशा विद्यालयों की दूरी का आंकलन करना है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 11 Dec 2020 06:05 AM (IST) Updated:Fri, 11 Dec 2020 06:05 AM (IST)
जिओ टैगिंग व मैपिंग वाले स्कूल ही बन सकेंगे केंद्र Gorakhpur News
अब जिओ टैगिंग व मैपिंग वाले स्कूल ही बन सकेंगे केंद्र। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन: यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा में एक केंद्र से दूसरे केंद्र की दूरी जानने के लिए जिओ टैगिंग व मैपिंग को अनिवार्य कर दिया गया है। इसे न करने वाले विद्यालय इस बार केंद्र नहीं बनेंगे। इसके पीछे बोर्ड की मंशा विद्यालयों की दूरी का आंकलन कर परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र का आवंटन करना है, ताकि सभी को मानक के अनुसार परीक्षा केंद्र मिल सके।

बोर्ड परीक्षा केंद्र निर्धारण नीति के तहत विद्यालयों के मध्य दूरी की सूचना मैपिंग व टैगिंग के जरिये ली जानी है, जिससे परीक्षार्थियों को पांच से दस किलोमीटर तक की परिधि में विद्यालय आवंटित हो सके। यह कार्य बिना इसके संभव नहीं है। इसके लिए बोर्ड ने बकायदे एक मोबाइल एप तैयार किया है, जिसे डाउनलोड कर प्रधानाचार्यों को विद्यालय परिसर से ही स्वयं जिओ टैगिंग व मैपिंग करनी है। प्रधानाचार्यों की सुविधा के लिए परिषद ने इस एप को अपने वेबसाइट पर भी उपलब्ध करा दिया है। प्रधानाचार्य इस एप को जैसे ही अपने एंड्रायड फोन में डाउनलोड कर विद्यालय की यूजर आइडी एवं पासवर्ड से लागिन करेंगे। विद्यालय की अक्षांश एवं देशांतर परिषद की वेबसाइट के सर्वर पर स्वत: दर्ज हो जाएगा।

स्थलीय निरीक्षण में होगी जांच

केंद्र निर्धारण के तहत टीम जब स्थलीय निरीक्षण करने विद्यालयों में जाएगी तो जिओ टैगिंग व मैपिंग की भी जांच करेगी। टीम मौके पर इसकी प्रमाणिकता की जांच कर ही अपनी संस्तुति करेगी, जिसके आधार पर विद्यालय को केंद्र बनाने पर निर्णय लिया जाएगा।

जिओ टैगिंग व मैपिंग कराना अनिवार्य

डीआइओएस ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह भदौरिया ने कहा कि केंद्र बनने के लिए विद्यालयों को जिओ टैगिंग व मैपिंग कराना हर हाल में अनिवार्य है। बोर्ड के निर्देश से जनपद के सभी प्रधानाचार्यों को अवगत कराया जा चुका है। बावजूद इसके लिए यदि कोई इसको लेकर लापरवाही बरतता है तो संबंधित विद्यालय परीक्षा केंद्र बनने से वंचित रह जाएगा।

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