टीम ने बीडीओ व पंचायत सचिव को लगाई फटकार
सोशल आडिट के सलाहकार के मांगने पर बिल-बाउचर नहीं दिखा सके रोजगार सेवक व प्रधान
संतकबीर नगर: बघौली ब्लाक के परसाकलां और दशहरा आदि दो ग्राम पंचायतों में गुरुवार को लखनऊ की दो सदस्यीय टीम पहुंची। इन दोनों ग्राम पंचायतों में कराए गए विकास कार्यों की जांच की। टीम के सदस्यों ने जाब कार्डधारकों व अन्य लोगों से पूछताछ की। जांच में 42 में से 13 प्रधानमंत्री आवास अपूर्ण मिले। मनरेगा के 20 कार्य कच्चे मिले, इसमें से महज पांच पर ही बोर्ड लगा हुआ मिला। आंगनबाड़ी केंद्र पर हुए कार्य में ट्रैक्टर-ट्राली से मिट्टी लाने की बात सामने आई। इसका बिल-बाउचर मांगने पर रोजगार सेवक व प्रधान नहीं दिखा सके। बघौली ब्लाक के ग्राम पंचायत परसाकला में गुरुवार लखनऊ से सोशल आडिट के सलाहकार एमपी सिंह के नेतृत्व में दो सदस्यीय टीम पहुंची। पीडी-डीआरडीए डीडी शुक्ल की मौजूदगी में यहां पर हुए विकास कार्यों के बारे में जानकारी प्राप्त की। इसके बाद टीम के सदस्य ग्राम पंचायत दशहरा में पहुंचे। जहां पर पिछले वित्तीय सत्र के 42 प्रधानमंत्री आवासों में से 13 आवास अपूर्ण मिले। इस पर बीडीओ व पंचायत सचिव को जमकर फटकार लगाई। तीन किस्त पाने वाले लाभार्थी यदि 10 दिन के अंदर छत नहीं लगाते हैं तो उनसे आवास का पैसा वसूलने की कार्रवाई की जाए। इस ग्राम पंचायत में मनरेगा के 20 कार्य कच्चे मिले, इसमें से महज पांच पर ही बोर्ड लगा हुआ मिला। इस पर रोजगार सेवक व पंचायत सचिव को फटकार लगाया। इस ग्राम पंचायत के रसहरा राजस्व गांव में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र पर हुए मिट्टी कार्य की जांच की। जाब कार्डधारक संतराम ने कहा कि उसने केवल चार दिन काम किया है। ट्रैक्टर-ट्राली से मिट्टी लाई गई है। इस पर सोशल आडिट के सलाहकार ने रोजगार सेवक और तत्कालीन प्रधान से पूछा कि जब ट्रैक्टर-ट्राली से मिट्टी लाई गई तो इसका बिल- बाउचर कहां है ? इस पर ये लोग जवाब नहीं दे पाए। इस पर उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि यहां फर्जी तरीके से मस्टररोल भरा गया। जांच के दौरान तकनीकी सहायक अनुपस्थित मिले। जबकि पंचायत सचिव राज नारायण शुक्ला ने कहा कि उनके कार्यकाल का यह काम नहीं है। इस पर पूछा कि तत्कालीन सचिव कहां है, इस पर उन्होंने बताया कि उनका तबादला हो गया है। जांच के दौरान बीडीओ सौरभ पाण्डेय, वेद प्रकाश सिंह, अखिलेश शर्मा के अलावा अन्य लोग मौजूद रहे।