3989 लक्ष्य के सापेक्ष मात्र 11 किसानों को ही मिला अबतक केसीसी योजना का लाभ Gorakhpur News

मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही केसीसी योजना महराजगंज जिले में बैंकों की मनमानी के कारण परवान नहीं चढ़ पा रही है। मत्स्य पालक किसान योजना के लाभ के लिए तहसील से लेकर मत्स्य आफिस व बैंकों का चक्कर लगा रहे हैं।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 02:10 PM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 02:10 PM (IST)
3989 लक्ष्य के सापेक्ष मात्र 11 किसानों को ही मिला अबतक केसीसी योजना का लाभ  Gorakhpur News
11 किसानों को ही मिला केसीसी योजना का लाभ। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन : केंद्र सरकार की ओर से मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही केसीसी योजना महराजगंज जिले में बैंकों की मनमानी के कारण परवान नहीं चढ़ पा रही है। मत्स्य पालक किसान योजना के लाभ के लिए तहसील से लेकर मत्स्य आफिस व बैंकों का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन लाख प्रयासों के बावजूद किसानों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

तालाब मालिकों का क्रेडिट कार्ड बनाने की योजना

मत्स्य पालकों की हालत सुधारने के लिए निजी व सरकारी तालाब मालिकों का किसान क्रेडिट कार्ड बनाए जाने की योजना है। इसके तहत तालाब में मछली पालन के लिए डेढ़ लाख रुपये प्रति हेक्टेयर, फंगेसियस मछली पालन के लिए पांच लाख प्रति हेक्टेयर, उन्नत बीज उत्पादन के लिए दो लाख 80 हजार रुपया, कार्प हेचरी के लिए ढाई लाख रुपये प्रति यूनिट, शहरी मत्स्य विक्रेताओं को 25 हजार रुपये एवं ग्रामीण मत्स्य विक्रेताओं को 19 हजार रुपये प्रति व्यक्ति ऋण दिया जाएगा ताकि मत्स्य पालन व्यवसाय से जुड़े किसानों व मछुआरों तक यह योजना पहुंच पाएं और वे बढ़ चढ़कर इसका लाभ उठा पाएं। योजना के लाभ के लिए मत्स्य किसानों को आवेदन के साथ आधार कार्ड, जमीन का एलपीसी, रसाीद, दो फोटो व बैंक पासबुक की छाया प्रति जिला मत्स्य कार्यालय में जमा करना है। वहीं, इसके बाद कार्यालय की ओर से स्वीकृत कर इसे बैंकों को भेजा जाता है।

पांच हजार मत्‍स्‍य पालक पंजीकृत

सहायक मत्स्य निदेशक मत्स्य एके शुक्ला ने बताया कि जिले में करीब पांच हजार मत्स्य पालक पंजीकृत हैं, जिसमें 3989 किसानों को केसीसी से लाभान्वित कराए जाने की योजना है। कम ब्याज पर ऋण प्राप्त कर पालकों की स्थिति सुधारने की योजना में बैंकों का सहयोग नहीं मिल पा रहा है। अबतक विभाग से 156 मत्स्य पालकों की फाइलें बनाकर बैंकों को भेजी गई हैं, लेकिन बैंकों से मात्र 11 फाइलों का ही सत्यापन अबतक किया गया है।

बैंकों की प्रगति निराशाजनक

मुख्य विकास अधिकारी पवन अग्रवाल ने बताया कि मत्स्य केसीसी योजना के बैंकों की प्रगति निराशाजनक है। इस मामले में जिला अग्रणी बैंक के मैनेजर को पत्र भेजा जाएगा। उसके बाद भी अगर प्रगति नहीं पाई जाती है तो संबंधित बैंक के लापरवाह कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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