Gorakhpur coronavirus: गोरखपुर में 24 घंटे में कोरोना के सिर्फ 10 मरीज, स्वस्थ होने वालों की संख्या बढ़ी
सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय ने बताया कि जिले में अब तक 59221 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इसमें से 58197 ने कोरोना को मात दे दी है। 834 की मौत हो चुकी है। 190 सक्रिय मरीज हैं। उन्होंने बचाव की अपील की है।
गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना संक्रमण काफी हद तक कम हो गया है। शुक्रवार को 24 घंटे में मात्र 10 मरीज मिले। जबकि स्वस्थ होने वालों की संख्या 26 रही। कोई मौत नहीं हुई।
सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय ने बताया कि जिले में अब तक 59221 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इसमें से 58197 ने कोरोना को मात दे दी है। 834 की मौत हो चुकी है। 190 सक्रिय मरीज हैं। उन्होंने बचाव की अपील करते हुए कहा है कि जितना अधिक हम बचाव करेंगे, उतना ही कोरोना कमजोर होगा। उपचार से बेहतर बचाव है, इसीलिए सभी को इस पर ध्यान देना चाहिए।
कोरोना रोधी टीका लगवा सकते हैं टीबी मरीज
कोविड के मामले काफी कम हो चुके हैं। ऐसे में टीबी मरीजों को कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए टीकाकरण करवा लेना चाहिए। कोविड के टीके का टीबी मरीजों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं होता है। टीबी के सामान्य मरीज टीका लगवा सकते हैं। गंभीर लक्षणों वाले मरीज और मास ड्रग रेसिस्टेंट (एमडीआर) मरीज अपने चिकित्सक से सलाह लेकर ही टीका लगवाएं। यह सलाह जिला क्षय रोग नियंत्रण अधिकारी डा. रामेश्वर मिश्रा ने दी है। उन्होंने कहा है कि जिले में करीब 6000 टीबी रोगी हैं। इन मरीजों की प्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर होती है। ऐसे में इन्हें कोरोना का खतरा ज्यादा है। इसलिए सामान्य मरीजों को कोविड रोधी टीका लगवा लेना चाहिए।
कोविड संक्रमण काल में खोजे गए 150 कुष्ठ रोगी
कोविड की लड़ाई के बीच जिला कुष्ठ रोग कार्यक्रम के अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग ने एक साल में 150 नए कुष्ठ रोगियों की खोज की है। इनमें 70 मरीज पैसिव बेसिलाइन (पीबी) और 80 मल्टी बेसिलाइन (एमबी) के हैं। इन सभी का निश्शुल्क उपचार किया जा रहा है। जिला कुष्ठ रोग नियंत्रण अधिकारी डा. गणेश प्रसाद यादव ने बताया कि कोविड काल के बीच दो बाल कुष्ठ रोगी मिले हैं। नया कुष्ठ रोगी मिलने पर पहले दिन की दवा सामने खिलाई जाती है। इस पहली खुराक से ही 99 फीसद बैक्टीरिया मर जाते हैं। कुष्ठ का पीबी मरीज छह महीने के इलाज के बाद, जबकि एमबी मरीज एक साल में ठीक हो जाता है। उन्होंने अपील की है कि जिन लोगों में भी कुष्ठ का लक्षण दिखे वह सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों से संपर्क अवश्य करें। कुष्ठ के जांच, परामर्श, इलाज व दवा की सुविधा पूरी तरह से निश्शुल्क है।