गोरखपुर विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए शुरू हुआ आनलाइन आवेदन, इन नियमों से होगा प्रवेश

गोरखपुर विश्वविद्यालय के शैक्षणिक सत्र 2020-21 में प्रवेश के लिए आनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। नए सत्र में स्नातक के विद्यार्थियों को पंडित दीनदयाल उपाध्याय को समर्पित तीन क्रेडिट के कोर्स को उत्तीर्ण करने की अनिवार्यता होगी।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 01 Jun 2021 07:48 AM (IST) Updated:Tue, 01 Jun 2021 07:48 AM (IST)
गोरखपुर विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए शुरू हुआ आनलाइन आवेदन, इन नियमों से होगा प्रवेश
गोरखपुर विश्वविद्यालय के शैक्षणिक सत्र 2020-21 की प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है। - प्रतीकात्मक तस्वीर

गोरखपुर, जेएनएन। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के शैक्षणिक सत्र 2020-21 में प्रवेश के लिए आनलाइन आवेदन की प्रक्रिया सोमवार से शुरू हो गई। पहले दिन 367 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया। इनमें से 60 से अधिक विद्यार्थियों ने शुल्क जमाकर आवेदन की संपूर्ण प्रक्रिया पूरी की।

पं. दीनदयाल पर कोर्स को उत्तीर्ण करने की होगी अनिवार्यता

नए अकादमिक सत्र में स्नातक के विद्यार्थियों को पंडित दीनदयाल उपाध्याय को समर्पित तीन क्रेडिट के कोर्स को उत्तीर्ण करने की अनिवार्यता होगी। इसे राष्ट्रगौरव विषय की तरह तीन वर्ष में कभी भी उत्तीर्ण करना होगा।

एनएसएस, एनसीसी या रोवर्स रेंजर्स में शामिल होने की होगी अनिवार्यता

इस वर्ष से स्नातक के विद्यार्थियों के लिए एनएसएस, एनसीसी और रोवर्स-रेंजर्स में से किसी एक में हिस्सा लेने की अनिवार्यता होगी। इसके अलावा विद्यार्थियों द्वारा खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेने का भी मूल्यांकन होगा। विवि ने यह फैसला उनके सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखकर किया है।

अंतरराष्ट्रीय छात्र और खिलाड़ियों को प्रवेश परीक्षा से मिलेगी छूट

विवि की प्रवेश परीक्षा से अंतरराष्ट्रीय छात्रों के साथ ही ख्यातिलब्ध अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय खिलाड़ियों को छूट प्रदान की जाएगी। इन विद्यार्थियों को फेलोशिप देने की घोषणा विश्वविद्यालय पहले ही कर चुका है।

तीन वर्ष के अंतराल के बाद भी मिलेगी नियमित कोर्स की डिग्री

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के स्नातक व परास्नातक पाठ्यक्रम में अब तीन साल तक अंतराल मान्य होगा। गैप के साथ डिग्री पूरी करने वाले विद्यार्थी को भी नियमित छात्र की तरह ही डिग्री दी जाएगी। विश्वविद्यालय ने अब तीन वर्ष के अंदर ही योग्यता प्रदायी परीक्षा को पास करने की बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है।

सोमवार को कुलपति प्रो राजेश सिंह की अध्यक्षता में प्रवेश समिति की बैठक हुई, जिसमें विद्यार्थी हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। पुराने नियम के मुताबिक तीन साल से अधिक गैप होने पर विद्यार्थियों को प्राइवेट विद्यार्थी के रूप में पढ़ाई पूरी करने का मौका दिया जाता था।

नई शिक्षा नीति में भी इसे दूर किए जाने की बात कही गई है। जिसके बाद विवि प्रशासन ने नियम में बदलाव को मंजूरी दे दी है। एक अन्य अहम फैसले के तहत बीटेक और बीएससी कृषि में प्रवेश प्रक्रिया पूरी करने के बाद खाली बची 20 फीसदी सीटों पर बीएससी गणित और बीएससी बायो के अभ्यर्थियों को प्रवेश का मौका दिया जाएगा। बैठक में सभी संकायों के अध्यक्ष, स्नातक व परास्नातक प्रवेश परीक्षा के समन्वयकों के अलावा कुलसचिव डा. ओमप्रकाश भी मौजूद रहे।

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