गोरखपुर में हर चौथे दिन हो रही एक व्‍यक्ति की हत्‍या, जानिए क्‍या कर रही पुलिस Gorakhpur News

सवा साल में जिले में हर चौथे दिन किसी न किसी व्यक्ति की हत्या होती रही है। इसमें अधिकांश हत्याएं भूमि विवाद व पुरानी रंजिश के चलते हुई हैं। जिले में भूमि विवाद व पुरानी रंजिश के चलते अब तक कुल 36 हत्याएं हो चुकी हैं।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 10 Apr 2021 09:10 PM (IST) Updated:Sat, 10 Apr 2021 09:10 PM (IST)
गोरखपुर में हर चौथे दिन हो रही एक व्‍यक्ति की हत्‍या, जानिए क्‍या कर रही पुलिस Gorakhpur News
अपर पुलिस महानिदेशक अखिल कुमार। फाइल फोटो

जितेंद्र पाण्डेय, गोरखपुर : बीते सवा साल में जिले में हर चौथे दिन किसी न किसी व्यक्ति की हत्या होती रही है। इसमें अधिकांश हत्याएं भूमि विवाद व पुरानी रंजिश के चलते हुई हैं। जिले में भूमि विवाद व पुरानी रंजिश के चलते अब तक कुल 36 हत्याएं हो चुकी हैं। जिले में 19 हत्याएं प्रेम प्रपंच के चलते हुई हैं।

सवा साल में 105 लोगों की हत्‍या

1 जनवरी, 2020 से 31 मार्च, 2021 तक जिले में 105 व्यक्तियों की हत्याएं हो चुकी हैं। सभी हत्याओं की एनालिसिस के बाद पुलिस ने यह महसूस किया है कि टीमें सतर्क रही होतीं तो भूमि विवाद व पुरानी रंजिश के अधिकांश मामलों में हत्याएं रोकी जा सकती थीं। एडीजी का मानना है पुरानी रंजिश व भूमि विवाद के मामलों में पुलिस ने यदि सतर्कता बरती होती करीब 90 फीसद इस तरह की हत्याएं रोकी जा सकती थीं।

जानिए जिले में किस वजह से हुईं हत्याएं

भूमि विवाद- 12

प्रेम प्रसंग- 19

पैसे के लेनदेन- 9

पुरानी रंजिश- 24

पैतृक संपत्ति- 6

अपमान- 2

लूट- 1

षडयंत्र- 1

दम घुटने से- 1

दहेज- 5

फिरौती- 1

पारिवारिक- 2

अन्य कारण- 16

जिले के इन थानों में हुईं सर्वाधिक हत्याएं

चिलुआताल- 12

गगहां- 9

पिपराइच- 9

चौरीचौरा- 8

गोला- 7

जानिए कैसे हुईं हत्याएं

गोली मारकर- 13

चाकू व धारदार हथियार से- 22

लाठी-डंडा से- 20

गला दबाकर- 31

ईंट पत्थर से- 1

सिलेंडर से- 1

राड सरिया से- 5

जलाकर- 2

रोकी जा सकती थीं कई हत्‍याएं

अपर पुलिस महानिदेशक अखिल कुमार ने कहा कि जिले में 36 हत्याएं पुरानी रंजिश व भूमि विवाद में हुईं हैं, जबकि पुलिस का दायित्व यह भी है कि बीट क्षेत्र में होने वाले छोटे-मोटे विवादों पर नजर रखे। समय पर यह जानने की कोशिश की जाए कि कहीं उसकी वजह से कुछ बड़ी घटना तो नहीं हो सकती है। इस पर ध्यान दिया गया होता तो जिले की कई हत्याएं रोकी जा सकती थीं। ऐसे में पुलिस कर्मियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है कि उन्होंने इसकी अनदेखी क्यों की है।

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