पांच घंटे में तैयार हो जाएगा वन बेडरूम सेट का मकान, इतनी आएगी लागत
लाइट हाउस तकनीक से मकान पांच से छह घंटे में तैयार हो जाते हैं। इसमें एक बेडरूम एक लिविंग रूम एक किचन एक टायलेट और बरामदा भी है। इसकी दीवार और अन्य चीजें पहले से ही तैयार रहती हैं।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर में डेढ़ लाख से 1.80 लाख रुपये की लागत से नई तकनीक से बनने वाले मकान पथ विक्रेताओं को देने पर विचार हो रहा है। महापौर सीताराम जायसवाल ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में लगे एक्सपो में रोबोट की सहायता से निर्मित होने वाले मकान के बारे में पूरी जानकारी ली है। साथ ही लाइट हाउस तकनीक से बन रहे मकान को भी देखा है।
नई तकनीक से मकान बनाना होगा आसान
महापौर सीताराम जायसवाल ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लखनऊ आगमन के अवसर पर कई तरह के स्टाल लगाए गए। इनमें नई तकनीक से मकान बनाना न सिर्फ आसान हो गया है वरन सुविधाजनक भी है। मकान भूकंपरोधी होने के कारण कोई दिक्कत भी नहीं होती है। नगर आयुक्त अविनाश सिंह के साथ सभी स्टाल का निरीक्षण करने के बाद गोरखपुर नगर निगम में कई कार्यों को नई तकनीक पर कराने को लेकर मंथन शुरू हो गया है।
कुछ घंटों में तैयार हो जाएगा मकान
महापौर ने बताया कि लाइट हाउस तकनीक से मकान पांच से छह घंटे में तैयार हो जाते हैं। इसमें एक बेडरूम, एक लिविंग रूम, एक किचन, एक टायलेट और बरामदा भी है। इसकी दीवार और अन्य चीजें पहले से ही तैयार रहती हैं। जहां मकान बनाना है वहां इसे ले आकर आपस में जोड़ दिया जाता है। इस मकान के भीतर का तापमान भी सामान्य रहता है। रोबोट की सहायता से निर्मित होने वाले मकान चावल की भूसी, प्लास्टिक, लकड़ी, प्राकृतिक फाइबर आधारित लैमिनेट, पैनल, शीट व जूट और सीसल फाइबर के उत्पाद, सीमेंट बोर्ड, कंक्रीट, प्लाइवुड, फ्लाईएश, व ईंट से बनाए जाते हैं।
इको फ्रेंडली होगा मकान
महापौर सीताराम जायसवाल ने कहा कि नई तकनीक से बनने वाले मकान सस्ते, टिकाऊ तथा इको फ्रेंडली होंगे। इससे लोगों के सुरक्षित घर का सपना पूरा हो सकेगा। पथ विक्रेताओं के लिए यह मकान काफी मुफीद होंगे। मकान में गैस चूल्हा भी लगा है। गैस सिलेंडर लगाकर भोजन पकाना शुरू किया जा सकता है।