एक एकड़ गन्ने के खेत में होगी 80 से 90 क्विंटल प्याज की उपज, दोनो साथ-साथ उगाएं

उत्तर प्रदेश गन्ना किसान संस्थान एवं प्रशिक्षण केंद्र पिपराइच के सहायक निदेशक ओम प्रकाश गुप्त ने बताया कि गन्ने के साथ प्याज की सहफसली खेती के लिए खेत की दो से तीन बार गहरी जुताई करनी जरूरी है।

By Satish chand shuklaEdited By: Publish:Thu, 11 Feb 2021 02:52 PM (IST) Updated:Thu, 11 Feb 2021 02:52 PM (IST)
एक एकड़ गन्ने के खेत में होगी 80 से 90 क्विंटल प्याज की उपज, दोनो साथ-साथ उगाएं
गन्‍ने की फसल के संबंध में फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। बसंतकालीन गन्ने की खेती के साथ प्याज की सह फसली खेती कर किसान अपनी आय आसानी से दोगुनी कर सकते हैं। एक एकड़ खेत में बोई गई गन्ने की फसल के साथ 80 से 90 क्विंटल प्याज की उपज ली जा सकती है। प्याज की फसल गन्ने को अंकुर बेधक और पिहिका कीट भी बचाती है। जिससे गन्ने की पैदावार भी बेहतर होती है। उत्तर प्रदेश गन्ना किसान संस्थान एवं प्रशिक्षण केंद्र पिपराइच, किसानों को गन्ने के साथ प्याज की सहफसली खेती से होने वाले फायदे की जानकारी देने के लिए अभियान चलाएगा।

ऐसे करें बुआई

उत्तर प्रदेश गन्ना किसान संस्थान एवं प्रशिक्षण केंद्र पिपराइच के सहायक निदेशक ओम प्रकाश गुप्त ने बताया कि गन्ने के साथ प्याज की सहफसली खेती के लिए खेत की दो से तीन बार गहरी जुताई करनी जरूरी है। अंतिम जुताई से पहले खेत में गोबर की खाद फैला देनी चाहिए। ताकि जुताई के दौरान गोबर की खाद, मिट्टी में पूरी तरह से मिल जाए। इसके बाद ट्रेंच रेजर से नाली बनाकर कर दो आंख वाले गन्ने का टुकड़े की बुआई करनी चाहिए। फरवरी माह का मौसम बसंतकालीन गन्ने की बुआई के लिए बेहद उपयुक्त है।

बुआई से पहले करें बीज का शोधन

गन्ने को बोने से पहले उसे बावस्टीन के घोल से उपचारित करना चाहिए। बुआई के लिए बनाई गई नाली में 100 किग्रा एनपी तथा 40 किग्रा पोटास में 50 किग्रा सरसो की खली मिलाकर बराबर मात्रा डालनी चाहिए। इसके बाद गन्ने का बीज डालकर हल्की मिट्टी से ढंक देना चाहिए।

ऐसे करें प्याज की बुआई

गन्ने के दो पंक्तियों के बीच चार पंक्तियों में प्याज की जाती है। पंक्ति से पंक्ति के बीच की दूरी 15 सेंटीमीटर होनी चाहिए। एक पंक्ति में पौधों के बीच 10 सेंटीमीटर की दूरी रखनी चाहिए। पौधे लगाने के बाद निराई कर खर-पतवार निकाल देना चाहिए। 15 दिन बाद हल्की सिंचाई करने से उपज बेहतर होती है। प्याज की फसल 135 से 140 दिन के अंदर तैयार होती है।

उन्नत बीज का करें प्रयोग

गन्ने और प्याज की कई उन्नत प्रजातियां उपलब्ध हैं। अच्छी पैदावार के लिए इन्हीं प्रजातियों का प्रयोग करना चाहिए। सहायक निदेशक ओम प्रकाश गुप्त बताते हैं कि गन्ने की अधिक उपज के लिए को. 118, को. 98014, को.सा. 11453 व 13452 का प्रयोग सबसे उपयुक्त होता है। प्याज की पूरा रेड, एग्रीफाउंड, लाइट रेड तथा लाल एग्रीफाइड व एन 53 प्रजाति की उपज अधिक होती है।

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