गोरखपुर के जिला पंचायत सदस्यों की आपत्ति पर मंडलायुक्त ने डीएम से मांगी आख्या Gorakhpur News

जिला पंचायत सदस्यों का कहना है कि पुराना कार्यकाल समाप्त होने के बाद करीब 17 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया जा चुका है। मंगलवार को मंडलायुक्त से मिलने पहुंचे जिला पंचायत सदस्यों ने भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी से भी मंडलायुक्त की बात कराई थी।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 03 Jun 2021 04:31 PM (IST) Updated:Thu, 03 Jun 2021 04:31 PM (IST)
गोरखपुर के जिला पंचायत सदस्यों की आपत्ति पर मंडलायुक्त ने डीएम से मांगी आख्या Gorakhpur News
गोरखपरु जिला पंचायत भसन केे मुख्‍य द्वार का फाइल फोटो, जेएनएन।

गोरखपुर, जेएनएन। जिला पंचायत में विभिन्न विकास कार्यों के लिए करीब तीन करोड़ रुपये का टेंडर निकालने के मामले में मंडलायुक्त जयंत नार्लिकर ने जिलाधिकारी (डीएम) के. विजयेंद्र पाण्डियन से तीन दिन के भीतर आख्या मांगी है। कुछ नव निर्वाचित सदस्यों ने जिला पंचायत के गठन के पहले विकास कार्यों का टेंडर निकालने पर मंडलायुक्त से मिलकर आपत्ति जताई थी। इस मामले में जिला पंचायत के प्रशासक का कहना है कि यह केंद्र सरकार की ओर से दिया गया बजट है, समय से इसका उपयोग नहीं हुआ तो अगली किस्त नहीं मिलेगी। नए वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही बीतने से पहले टेंडर करना जरूरी था। गुरुवार को यह टेंडर खोला जाएगा।

 जिला पंचायत सदस्यों का कहना है कि पुराना कार्यकाल समाप्त होने के बाद करीब 17 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया जा चुका है। मंगलवार को मंडलायुक्त से मिलने पहुंचे जिला पंचायत सदस्यों ने भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी से भी मंडलायुक्त की बात कराई थी। सदस्यों का कहना है कि जिला पंचायत के गठन तक रुक जाना चाहिए था। जनता उनसे अपेक्षा करती है कि विकास कार्य किए जाएंगे। बिना सदस्यों से राय लिए टेंडर जारी कर देने से जनता में उनके प्रति अविश्वास पनपेगा।

अपर मुख्य अधिकारी से मिले सदस्य

नव निर्वाचित सदस्यों ने जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी एके सिंह से मुलाकात कर टेंडर जारी करने को लेकर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि इससे सदस्यों के अधिकारों का हनन हुआ है। सदस्यों के सवाल पर अपर मुख्य अधिकारी ने बताया कि ऊपर से टेंडर जारी करने के आदेश थे। सदस्यों ने कुछ विधानसभा क्षेत्रों में ही टेंडर जारी करने की बात उठाई तो अपर मुख्य अधिकारी की ओर से बताया गया कि और विधानसभा क्षेत्रों के लिए टेंडर पहले जारी हो चुका है।

जरूरी था टेंडर निकालना : डीएम

जिलाधिकारी एवं जिला पंचायत के प्रशासक के. विजयेंद्र पाण्डियन ने कहा कि विकास कार्यों का टेंडर जारी करना जरूरी था। सदस्यों का निर्वाचन हुआ है लेकिन अभी तक जिला पंचायत का गठन नहीं हुआ है। गठन कब तक होगा, इसको लेकर कोई दिशा-निर्देश भी नहीं मिले हैं। यह केंद्रीय वित्त का पैसा था। वर्तमान वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही बीत रही थी, इसलिए टेंडर किया गया। इस संबंध में सभी जिलों को शासन की ओर से निर्देश भी दिया गया है। बजट का उपयोग न करने पर आगे की धनराशि नहीं मिलती, इससे जिले का विकास प्रभावित होता। जनहित में विभिन्न कार्यों का टेंडर निकाला गया है। इसमें स्वास्थ्य केंद्रों को सड़क से जोडऩे के भी प्रस्ताव शामिल हैं। भविष्य में सदस्यों के प्रस्ताव को भी शामिल किया जाएगा।

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