गणतंत्र दिवस पर वृद्ध महिला की आत्मदाह की चेतावनी, जानें-क्‍या है कारण

मेरे खुद के जमीन को भी ग्राम समाज की जमीन घोषित करवा दिया गया। जिसकी जानकारी मिलने के बाद दो दशकों की लंबी लड़ाई लड़ने के बाद मुझे जिंदा घोषित करते हुए जिंदा होने का प्रमाण पत्र देते हुए परिवार रजिस्टर का नकल भी दिया गया था।

By Satish chand shuklaEdited By: Publish:Mon, 25 Jan 2021 02:51 PM (IST) Updated:Mon, 25 Jan 2021 02:51 PM (IST)
गणतंत्र दिवस पर वृद्ध महिला की आत्मदाह की चेतावनी, जानें-क्‍या है कारण
वृद्ध महिला की चेतावनी पर घर पहुंचे अफसर।

गोरखपुर, जेएनएन। संत कबीर नगर जनपद के बेलहर थाना क्षेत्र के बेलहर कला निवासिसनी 88 वर्षीय सूका उर्फ सुखराजी देवी के आत्मदाह के चेतावनी पर प्रशासनिक अमला सक्रिय हुआ है। रविवार की शाम 5 बजे मेंहदावल एसडीएम अजय कुमार त्रिपाठी व सीओ रामप्रकाश सूका के घर पहुंचे। उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन देते हुए अपना निर्णय बदलने का अनुरोध किया। अधिकारियों के समझाने के बाद भी सूका की तरफ से कोई लिखित आश्वासन नहीं देने पर अधिकारी लौट गए।

पटीदारों ने करवा दिया मृत घोषित

उल्लेखनीय है कि न्याय न मिलने पर सूका ने आत्मदाह की चेतावनी देते हुए मुख्यमंत्री सहित उच्चाधिकारियों को पत्र भेजा है। प्रार्थना पत्र में सूका उर्फ सुखराजी देवी पत्नी स्व देवता उर्फ साधू शरन ने लिखा है कि अपने ससुर बृजमोहन राय की इकलौती वारिस हूं। उनकी मृत्यु होने के बाद उनके भाइयों द्वारा प्रधान व सचिव के साथ मिलकर जालसाजी करके मुझे परिवार रजिस्टर में मृतक दिखा दिया गया तथा मेरे ससुर की सारी जमीन अपने नाम करवा लिया गया। इसके अलावां मेरे खुद के जमीन को भी ग्राम समाज की जमीन घोषित करवा दिया गया। जिसकी जानकारी मिलने के बाद दो दशकों की लंबी लड़ाई लड़ने के बाद मुझे जिंदा घोषित करते हुए जिंदा होने का प्रमाण पत्र देते हुए परिवार रजिस्टर का नकल भी दिया गया था।

दो दशक बाद भी परिवार रजिस्‍टर में नाम नहीं

उसके बाद वारिसदार बनने के लिए तहसील से लेकर जिले तक चक्कर लगाती रही। जिसका मुकदमा भी चकबंदी विभाग में चल रहा है। लेकिन कुछ लोग इसमें व्यवधान उत्पन्न कर रहे हैं। मेरा नाम परिवार रजिस्टर में दर्ज किया गया जिसके बाद भी वरासतनामा अब तक दर्ज नहीं हो सका। जिसकी शिकायत जिलाधिकारी व आयुक्त शासन को भेजी गई। उसके बाद भी न्याय नहीं मिल रहा है। इससे तंग आकर पीड़िता ने 26 जनवरी को चकबंदी कार्यालय के सामने आत्मदाह करने का निर्णय लिया है। उपजिलाधिकारी अजय कुमार त्रिपाठी का कहना है कि सूका के आत्मदाह की चेतावनी पर उनके घर जाकर उनको समझाया गया तथा उन्हें न्याय दिलाने की बात कहते हुए उच्चाधिकारियों को भी मामले से अवगत कराया गया है।

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