अजब-गजब: मतदान के लिए कर्मचारियों की भारी कमी और पूरे एक विभाग की ड्यूटी लगाना भूल गए अधिकारी

गोरखपुर में कर्मचारियों की भारी कमी के बीच अधिकारी भूगर्भ जल विभाग के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाना ही भूल गए। अधिकतर लोग इस विभाग का पता नहीं जानते। यही कारण है कि जब यहां की सूचना निर्वाचन कार्यालय को न मिलने पर भी किसी का ध्यान नहीं जाता।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 08:50 AM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 12:12 PM (IST)
अजब-गजब: मतदान के लिए कर्मचारियों की भारी कमी और पूरे एक विभाग की ड्यूटी लगाना भूल गए अधिकारी
गोरखपुर में अधिकारी एक पूरे विभाग की चुनाव में ड्यूटी लगाना भूल गए। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर जिले के सभी ब्लाकों में एक साथ त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने के कारण कर्मचारियों की उपलब्धता प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। स्थिति यह है कि पति-पत्नी दोनों की ड्यूटी लगानी पड़ी है। गैर जनपद से स्थानांतरित होकर जो शिक्षक गोरखपुर आए हैं, उनकी भी ड्यूटी आखिरी समय में रिजर्व के रूप में लगानी पड़ी है। पर, इस कमी के बीच भी भूगर्भ जल विभाग के सभी 18 कर्मचारी इस बार भी ड्यूटी से बच गए हैं।

अधिकारी से लेकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तक, किसी की नहीं लगी ड्यूटी

इस विभाग में चतुर्थ श्रेणी से लेकर अधिकारी तक कुल 18 कर्मी हैं। अधिकतर लोग इस विभाग का पता नहीं जानते। यही कारण है कि जब यहां की सूचना निर्वाचन कार्यालय को न मिलने पर भी किसी का ध्यान नहीं जाता। वर्ष 2010 में तत्कालीन मंडलायुक्त पीके महांति को इस विभाग में अनियमितता की शिकायत मिली थी। इसके बाद कुछ दिन विभाग का पता ही नही चला। सूचना मिलने पर जब वहां छापा मारा गया तो सभी अधिकारी-कर्मचारी गायब मिले। 

किसी को याद नहीं रहता देवरिया बाईपास स्थित भूगर्भ जल विभाग

निर्वाचन कार्यालय से जुड़े कर्मियों की मानें तो भूगर्भ जल विभाग के कर्मचारियों की ड्यूटी इससे पहले विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव में भी नहीं लगी थी। इसके अलावा कई विभागों के कर्मचारी नेताओं एवं प्रभावशाली कर्मचारियों ने भी निर्वाचन कार्यालय तक अपना नाम नहीं जाने दिया।

परेशानी बताकर ड्यूटी कटने के लिए आवेदन देने वाले कर्मचारियों में इस बात को लेकर आक्रोश भी है। उनके बीच इस बात की चर्चा है कि हर बार इनके नाम कैसे बच जाते हैं। इस बार कोविड कंट्रोल रूम के कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगाई गई है।

एक दिन बाद ही पोलिंग पार्टियों को रवाना होना है। विभागों की जिम्मेदारी थी कि वे सूची तैयार कर लें। यदि किसी विभाग से जानबूझकर सभी कर्मचारियों के नाम न भेजने का मामला है तो इसकी जांच करायी जाएगी। - राजेश सिंह, एडीएम वित्त एवं राजस्व/प्रभारी अधिकारी कार्मिक।

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