गोरखपुर में आयुष विश्‍वविद्यालय के कुलपति के लिए मिला कार्यालय, 25 लोगों का रहेगा स्‍टाफ Gorakhpur News

आयुष विश्वविद्यालय का निर्माण शुरू होने से पहले ही यहां कुलपति व अन्य कर्मचारियों की तैनाती हो जाएगी। इसके लिए जिला प्रशासन ने सीतापुर आंख अस्पताल में तीन बड़े हाल आयुष विवि के लिए दिए हैं। कुलपति के रहने के लिए एक बंगला भी दिया गया है।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Fri, 18 Dec 2020 11:11 AM (IST) Updated:Fri, 18 Dec 2020 06:24 PM (IST)
गोरखपुर में आयुष विश्‍वविद्यालय के कुलपति के लिए मिला कार्यालय, 25 लोगों का रहेगा स्‍टाफ Gorakhpur News
गोरखपुर के जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन का फाइल फोटो।

उमेश पाठक, गोरखपुर। जिले में आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना को लेकर कवायद तेज हो गई है। मकर संक्रांति से पहले मुख्यमंत्री इसका शिलान्यास भी कर सकते हैं। इससे पहले विश्वविद्यालय के स्थायी कुलपति की नियुक्ति भी हो जाएगी। शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन ने आयुष विश्वविद्यालय के अस्थायी कार्यालय के लिए जगह दे दी है। यह कार्यालय पार्क रोड स्थित सीतापुर आंख अस्पताल के भवन में बनाया जाएगा। जल्द ही यहां कुलपति व 20 से 25 लोगों का स्टाफ काम करना शुरू कर देगा। स्टाफ की नियुक्ति की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है।

सीतापुर आंख अस्पताल के भवन में जिला प्रशासन की ओर से दी गई जगह

आयुष विश्वविद्यालय का निर्माण शुरू होने से पहले ही यहां कुलपति व अन्य कर्मचारियों की तैनाती हो जाएगी। इसके लिए जिला प्रशासन ने सीतापुर आंख अस्पताल में तीन बड़े हाल आयुष विवि के लिए दिए हैं। कुलपति के रहने के लिए एक बंगला भी दिया गया है। कुछ दिनों में कुलपति के नाम की घोषणा हो सकती है।

चौरीचौरा के मलमलिया में मिली है जमीन

आयुष विश्वविद्यालय के लिए चौरीचौरा के मलमलिया में जमीन मिली है। जिला प्रशासन ने यहां करीब 24.29 हेक्टेयर जमीन आयुष विश्वविद्यालय के नाम कर दी है। पिछले बजट में इसके लिए 10 करोड़ रुपये भी आवंटित किए जा चुके हैं। जिस जगह जमीन दी गई है वह कनेक्टिविटी के लिहाज से भी काफी बेहतर है। फोरलेन से सटा होने के कारण वहां आना-जाना काफी सुविधाजनक होगा।

स्वास्थ्य क्षेत्र में एक और उपलब्धि

गोरखपुर के नाम एम्स के बाद स्वास्थ्य क्षेत्र में एक और उपलब्धि जुड़ने जा रही है। आयुष विश्वविद्यालय खुल जाने से यहां पढ़ाई के साथ इलाज भी हो सकेगा। उत्तर प्रदेश में वाराणसी, लखनऊ, प्रयागराज, बरेली, बांदा, पीलीयभीत, मुजफ्फरपुर, झांसी में आयुष मेडिकल कालेज हैं। ये सभी मेडिकल कालेज गोरखपुर में खुल रहे आयुष विश्वविद्यालय से संबद्ध रहेंगे। विवि में आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथ, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा की पढ़ाई के साथ इन पद्धतियों से उपचार भी हो सकेगा। जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन का कहना है कि आयुष विश्वविद्यालय के लिए शासन के निर्देश पर सीतापुर आंख अस्पताल में अस्थायी कार्यालय के लिए जगह दी गई है। जल्द ही यहां 20 से 25 लोगों का स्टाफ काम करना शुरू करेगा। कुलपति की स्थायी नियुक्ति भी होगी। उनके लिए एक बंगला भी दिया जा रहा है।

महायोगी गुरुगोरक्षनाथ के नाम पर हो सकता है विवि

आयुष विवि के नाम को लेकर अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है लेकिन माना जा रहा है कि इसका नाम महायोगी गुरु गोरक्षनाथ के नाम पर महायोगी गुरु गोरक्षनाथ उत्तर प्रदेश राज्य आयुष विश्वविद्यालय गोरखपुर हो सकता है। जल्द ही नाम भी घोषित हो सकता है।

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