Gorakhpur Gram panchayat counting: मतगणना में एक ही ब्लाक में दो तरह के नियम, की गई आपत्ति
Gorakhpur Gram panchayat countingउनका आरोप है कि ब्लाक में 69 ग्राम पंचायत हैं। मतगणना के दौरान 68 ग्राम पंचायतों में अंगूठे का निशान लगे मतपत्र को वैध मानकर प्रत्याशियों में वितरित किया गया जबकि उनकी ग्राम पंचायत में अंगूठे का निशान लगे मतपत्रों को अवैध घोषित कर दिया गया।
गोरखपुर, जेएनएन। मतगणना में गड़बड़ी के मामले में ब्रह्मपुर ब्लाक के आरओ पर कार्रवाई के बाद और भी शिकायतें आने लगी हैं। बड़हलगंज ब्लाक के ग्राम पंचायत महुआपार में प्रधान पद का चुनाव लडऩे वाले धर्मेंद्र कुमार गुप्ता ने मतगणना में दो तरह के नियम लागू करने का आरोप लगाया है। उन्होंने इसकी शिकायत राज्य निर्वाचन आयोग से भी की है।
राज्य निर्वाचन आयोग को भेजी शिकायत
उनका आरोप है कि ब्लाक में 69 ग्राम पंचायत हैं। मतगणना के दौरान 68 ग्राम पंचायतों में अंगूठे का निशान लगे मतपत्र को वैध मानकर प्रत्याशियों में वितरित किया गया जबकि उनकी ग्राम पंचायत में अंगूठे का निशान लगे मतपत्रों को अवैध घोषित कर दिया गया। धर्मेद्र ने अपनी शिकायत में कहा है कि मतदाताओं ने जो वोट अंगूठा का निशान दिखाकर दिया था, उसे 68 ग्राम पंचायतों में वैध माना गया। लेकिन एकमात्र ग्राम पंचायत महुआपार में इस तरह के मत को वैध नहीं माना गया। उनका कहना है कि इससे उन्हें सख्त ऐतराज है। जब 68 ग्राम पंचायतों में उन वोटों को वैध माना गया तो उनकी ग्राम पंचायत में नियम बदल कैसे गया। राज्य निर्वाचन आयोग से उन्होंने न्याय देने की मांग की है।
नतीजा बदलते ही छावनी में तब्दील हुआ बड़हलगंज
जिला पंचायत वार्ड संख्या 45 का चुनाव परिणाम बदलने के बाद पूरा दिन बड़हलगंज ब्लाक मुख्यालय छावनी में तब्दील रहा। कई थानों की फोर्स कस्बे में गश्त करती दिखी। कोतवाली से लेकर ब्लाक मुख्यालय तक विशेष सतर्कता बरती गई। क्षेत्र की हर छोटी-बड़ी घटना का संज्ञान लिया गया। सुबह ही पुलिस अधीक्षक दक्षिणी अरुण कुमार सिंह के नेतृत्व में सीओ गोला व बांसगाव के साथ ही दोनों सर्किल की पुलिस ब्लाक मुख्यालय पर पहुंच गई। वह ब्लाक परिसर से कोतवाली तक एक-एक गतिविधि पर नजर जमाए हुए थे। एसडीएम राजेंद्र बहादुर भी थोड़ी-थोड़ी देरी पर एक-एक गतिविधि की जानकारी लेते देखे गए।
प्रत्याशियों के गांवों पर भी रही विशेष नजर
ब्लाक का जिला पंचायत वार्ड संख्या 45 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित था । मतगणना के बाद नरहपुर निवासी व बसपा के उम्मीदवार रामअचल को जीत का प्रमाण पत्र दिया गया था । इसके बाद तीहामुहम्दपुर निवासी व सपा प्रत्याशी देवसरन के विरोध के चलते बुधवार की रात प्रशासन ने लिपिकीय त्रुटि मानते हुए उन्हें जीत का प्रमाण पत्र दे दिया । इस उलटफेर के चलते प्रशासन सजग रहा । दोनों प्रत्याशियों के गांवों के हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही थी । पुलिस ने गांवों में गश्त कर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की।
उलटफेर की रही चर्चा
चुनाव परिणाम में उलटफेर की दिन भर चर्चा रही। बसपा समर्थक जहां पुन: मतगणना का कयास लगाते हुए एक-दुसरे से मोबाइल द्वारा पूछताछ करते रहे। जबकि सपा कार्यकर्ता प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करते नजर आए। लोगों ने कहा कि इससे पूर्व ऐसा कभी नहीं देखने को मिला। प्रशासनिक लापरवाही के चलते तीन-तीन जिला पंचायत सदस्यों का चुनाव परिणाम बदलना पड़ा।