CBSE: अब 11वीं में गणित के साथ पढ़ सकेंगे राजनीति विज्ञान, संकाय व्यवस्था समाप्‍त Gorakhpur News

बोर्ड का यह बदलाव नई शिक्षा नीति के तहत इसी सत्र 2021-22 से लागू होगा। बोर्ड ने जारी निर्देश में कहा है कि छात्र विषयों का चयन सोच-समझकर कर सकते हैं। अब उन्हें पहले की तरह गणित के साथ भौतिकी रसायन विज्ञान लेने की बाध्यता नहीं होगी।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 05 May 2021 01:29 PM (IST) Updated:Wed, 05 May 2021 01:29 PM (IST)
CBSE: अब 11वीं में गणित के साथ पढ़ सकेंगे राजनीति विज्ञान, संकाय व्यवस्था समाप्‍त Gorakhpur News
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद का प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो, जेएनएन।

गोरखपुर, जेएनएन। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई) ने 11वीं में नामांकन प्रक्रिया में बदलाव करते हुए संकाय व्यवस्था (वाणिज्य, कला व विज्ञान) को समाप्त कर दिया है। बोर्ड ने स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे कक्षा 11 में विभिन्न प्रकार के संकायों से बचें। यानी नई व्यवस्था के तहत छात्रों को अपनी रुचि व इ'छानुसार विषयों का समूह चुनने की छूट दी जाएगी। छात्र गणित, राजनीति विज्ञान, जीव विज्ञान, अंग्रेजी, भूगोल या अन्य विषय समूह का चयन करने के लिए स्वतंत्र होंगे।

अब गणित के साथ भौतिकी जरूरी नहीं

बोर्ड का यह बदलाव नई शिक्षा नीति के तहत इसी सत्र 2021-22 से लागू होगा। बोर्ड ने जारी निर्देश में कहा है कि छात्र विषयों का चयन सोच-समझकर कर सकते हैं। अब उन्हें पहले की तरह गणित के साथ भौतिकी, रसायन विज्ञान लेने की बाध्यता नहीं होगी। बल्कि गणित के साथ भूगोल या एकाउंट भी पढ़ सकेंगे। अथवा रसायन विज्ञान के साथ राजनीति विज्ञान ले सकते हैं।

फेल छात्र भी 11वीं में कर सकेंगे पढ़ाई

इस बार दसवीं का परीक्षाफल बिना परीक्षा के आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर तैयार हो रहा है। ऐसे में कोई छात्र यदि इसमें पास नहीं हो पाता है तो वह 11वीं में नामांकन कराकर अपनी पढ़ाई जारी रख सकता है। बोर्ड ने इसकी अनुमति दे दी है। ऐसे छात्रों की कंपार्टमेंटल परीक्षा होगी। जब तक उनके कंपार्टमेंटल का परिणाम नहीं आ जाता, वे 11वीं में पढ़ाई जारी रख सकते हैं।

बच्‍चों को अधिक अवसर प्रदान करने वाला है यह बदलाव

सीबीएसई के जिला समन्वयक अजीत दीक्षित का कहना है कि बोर्ड का यह बदलाव आने वाले समय में बच्‍चों को विभिन्न क्षेत्रों में जाने के लिए अधिक अवसर प्रदान करेगा। विद्यार्थी अपने विषयों का चुनाव आने वाले समय में क्या करना है इसको ध्यान में रखकर करें। बोर्ड ने यह बदलाव नई शिक्षा के नीति के तहत किया है।

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