Electricity corporation: उधार वाली आदत न गई तो रीचार्ज करना पड़ेगा मीटर
शहर के सभी चार खंडों में पिछले साल स्मार्ट मीटर लगाने की शुरुआत हुई थी। स्मार्ट मीटर लगाने का जिम्मा लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) कंपनी को सौंपा गया था। कंपनी ने बक्शीपुर में अपना कार्यालय बनाकर मीटर लगाना शुरू किया था।
गोरखपुर, जेएनएन। स्मार्ट मीटर वाले बिजली के बकायेदार उपभोक्ताओं के खिलाफ अब निगम के अफसर नए तरीके की कार्रवाई करेंगे। लगातार बिजली का बिल न जमा करने वाले स्मार्ट पोस्ट पेड कनेक्शन वाले उपभोक्ताओं को प्रीपेड श्रेणी में बदल दिया जाएगा। स्मार्ट मीटर में पोस्ट पेड कनेक्शन को प्रीपेड में बदलने की सुविधा उपलब्ध है। ऐसा होने पर बकायेदारों को पहले मीटर रीचार्ज कराना होगा, फिर वह बिजली का उपभोग कर सकेंगे।
पिछले साल हुई थी स्मार्ट मीटर लगाने की शुरुआत
शहर के सभी चार खंडों में पिछले साल स्मार्ट मीटर लगाने की शुरुआत हुई थी। स्मार्ट मीटर लगाने का जिम्मा लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) कंपनी को सौंपा गया था। कंपनी ने बक्शीपुर में अपना कार्यालय बनाकर मीटर लगाना शुरू किया था। सबसे पहले उन क्षेत्रों का चयन किया गया जहां लाइनलास सबसे ज्यादा था। पिछले साल अगस्त महीने में जन्माष्टमी के दिन तकनीकी खराबी आने से प्रदेश के लाखों स्मार्ट बिजली मीटर अचानक बंद हो गए। घंटों बाद गड़बड़ी दूर की जा सकी। इसके बाद बिजली निगम ने स्मार्ट मीटर लगाने का काम रोक दिया। निर्देश दिए गए कि नए कनेक्शन पर पहले की तरह इलेक्ट्रानिक मीटर लगाए जाएंगे।
स्मार्ट मीटर तेज चलने की सबसे ज्यादा शिकायत
उपभोक्ताओं ने बिजली निगम की ओर से मांगे गए फीडबैक में सबसे ज्यादा शिकायत स्मार्ट मीटर की गति को लेकर की है। आरोप है कि स्मार्ट मीटर तेज चल रहे हैं। शिकायत के बाद भी अफसर कोई सुनवाई नहीं कर रहे हैं।
27 सौ से ज्यादा उपभोक्ता बकायेदार
शहर में स्मार्ट मीटर वाले 27 सौ से ज्यादा बकायेदार लगातार कई महीने से बिजली का बिल नहीं जमा कर रहे हैं। बिजली निगम ने इनकी सूची बना ली है।
कार्यालय से कट जाती है बिजली
स्मार्ट मीटर से बिजली की आपूर्ति रोकना बहुत आसान है। अधिशासी अभियंता अपने कार्यालय में बैठ कर सर्वर के माध्यम से स्मार्ट मीटर बंद कर सकते हैं। बकाया जमा होने के बाद ही स्मार्ट मीटर फिर चलाया जा सकता है। अधीक्षण अभियंता यूसी वर्मा का कहना है कि बकाया न जमा करने वाले स्मार्ट मीटर वाले उपभोक्ताओं को प्रीपेड में बदलने की तैयारी की जा रही है। स्मार्ट मीटर में ऐसी सुविधा है। इसके बाद उपभोक्ता पहले रुपये रीचार्ज करेंगे और फिर बिजली का उपभोग करेंगे। ऐसा होने से बिजली निगम का राजस्व बढ़ेगा।