Nano technology: बोरी का झंझट खत्म, अब बोतल में मिलेगी यूरिया खाद
कृषि वैज्ञानिकों एवं इंजीनियरों के सफल प्रयास के बाद नैनो तकनीक से यूरिया का निर्माण भारत सरकार के उपक्रम इफको द्वारा किया गया है। जिसके तहत नैनो यूरिया 500 मिली लीटर की बोतल में है। जिसकी कीमत 240 रुपये तय की गई है।
देवरिया, महेंद्र कुमार त्रिपाठी। अब किसानों को अपने खेत में यूरिया खाद बोरियों में नहीं ले जाना होगा बल्कि यूरिया खाद बोतल में मिलेगी, जिससे किसानों को खाद की बोरी की ढुलाई करने का झंझट खत्म हो जाएगा। पूर्वी उप्र के देवरिया जिले के किसानों को नैनो तकनीक से बनाए गए 500 मिली लीटर के बोतल में यूरिया खाद मिलेगी। सब कुछ ठीक रहा तो जुलाई के पहले हफ्ते में नैनो यूरिया की पहली खेप गुजरात से देवरिया में नैनो यूरिया की 15 हजार बोतल पहुंच जाएगी। इसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
एक बोतल यूरिया में 40000 पीपीएम नाइट्रोजन होती है, जो सामान यूरिया के एक बोरी के बराबर नाइट्रोजन पोषक तत्व प्रदान करेगी। नैनो यूरिया के तरल के प्रयोग से पौधों को संतुलित मात्रा में पोषक तत्व मिलेगी तथा मिट्टी में यूरिया के अधिक प्रयोग में कमी भी आएगी। नैनो यूरिया के प्रयोग से पर्यावरण प्रदूषण पर लगाम लगेगा। मृदा स्वास्थ्य व पौधों में बीमारी व कीट का भी खतरा नहीं होगा।
क्या है नैनो यूरिया
कृषि वैज्ञानिकों एवं इंजीनियरों के सफल प्रयास के बाद नैनो तकनीक से यूरिया का निर्माण भारत सरकार के उपक्रम इफको द्वारा किया गया है। जिसके तहत नैनो यूरिया 500 मिली लीटर की बोतल में है। जिसकी कीमत 240 रुपये तय की गई है। एक बोरी यूरिया खाद की कीमत 266 रुपये 50 पैसे है। नैनो तकनीक से बनाए गए तरल नैनो यूरिया की कीमत एक बोरी खाद से 10 फीसद कम है। इससे खेती की लागत में कमी आएगी। किसानों को आर्थिक रूप से भी फायदा होगा। इसके अलावा किसानों को यूरिया खाद की बोरी के भंडारण व परिवहन का भी झंझट नहीं होगा। वजह नैनो यूरिया की बोतल को थैले में ले जा सकते हैं।
ऐसे करना होगा उपयोग
नैनो यूरिया का प्रयोग एक एकड़ में एक बोतल यानी 500 मिली लीटर की बोतल का उपयोग होगा। इसे 100 लीटर पानी में घोल बनाकर खेत में छिड़काव करना होगा।
नैनो यूरिया के यह भी फायदे
नैनो यूरिया की एक बोतल एक बोरी यूरिया के बराबर मात्रा की होगी इसके अलावा नैनो यूरिया पोषक तत्वों से भरपूर मिट्टी जल और वायु प्रदूषण को कम करने में सक्षम है इसके अलावा ग्लोबल वार्मिंग को घटाने में या बहुत लाभदायक है नैनो के प्रयोग से फसलों की उपज में आठ फीसद तक वृद्धि की संभावना है इसके अलावा फसलों में उपज की गुणवत्ता में सुधार होने की साथी खेती की लागत में कमी आएगी जिससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी। नैनो यूरिया भूमिगत जल की गुणवत्ता पर कोई असर नहीं डालेगी इसके प्रयोग से पौधों को संतुलित पोषक तत्व मिलेगा क्योंकि यह लिक्विड में है इसका छिड़काव करते ही पौधों और मृदा में तुरंत इसकी खुराक मिल जाती है।
देवरिया में इफ्को के उप प्रबंधक डा. विनोद कुमार सिंह का कहना है कि नैनो तकनीक से बनाई गई लिक्विड यूरिया की बोतल किसानों के लिए वरदान है। इससे जहां उपज बढ़ेगा वही किसानों की लागत भी कम होगी तथा मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी यह नई तकनीकी कृषि वैज्ञानिकों की देन है। देवरिया में जुलाई माह में करीब 15000 बोतल नैनो यूरिया उपलब्ध होगी। वहीं उपनिदेशक कृषि डा. एके मिश्र का कहना है कि नैनो तकनीक से बनाई गई यूरिया की बोतल खेती के लिए बहुत ही फायदेमंद है। इससे लागत जहां कम होगा वहीं उर्वरा शक्ति भी बढ़ेगी खेत का उपज भी सामान्य यूरिया से अधिक होगा।