CBSE: अब बच्‍चों को कहानी सुनाएंगे शिक्षक, सीबीएसई में स्टोरी टेलिंग पाठ्यक्रम शुरू Gorakhpur News

सीबीएसई से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि कहानी सुनने से बच्‍चों की कल्पनाशक्ति में वृद्धि होती है। इसी को ध्यान में रखकर स्टोरी टेलिंग पाठ्यक्रम शुरू की गई है। इसके तहत शिक्षकों को प्रशिक्षण देकर पारंगत बनाया जाएगा।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 02:29 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 06:39 PM (IST)
CBSE: अब बच्‍चों को कहानी सुनाएंगे शिक्षक, सीबीएसई में स्टोरी टेलिंग पाठ्यक्रम शुरू Gorakhpur News
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो, जेएनएन।

गोरखपुर, जेएनएन। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने बच्‍चों में कहानी सुनने में रुचि बढ़ाने के उद्देश्य से स्टोरी टेलिंग पाठ्यक्रम शुरू की है। यानी अब शिक्षक बच्‍चों को पढ़ाने के साथ-साथ क्लासरूम में कहानी भी सुनाएंगे। जिससे बच्‍चे मन लगाकर पढ़ाई तो करेंगे ही बोर भी नहीं होंगे। योजना के तहत बोर्ड द्वारा शिक्षकों को बच्‍चों को कहानी सुनाने की कला सिखाई जाएगी।

पहले शिक्षकों को दिया जाएगा प्रशिक्षण

सीबीएसई से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि कहानी सुनने से बच्‍चों की कल्पनाशक्ति में वृद्धि होती है। इसी को ध्यान में रखकर स्टोरी टेलिंग पाठ्यक्रम शुरू की गई है। इसके तहत शिक्षकों को प्रशिक्षण देकर पारंगत बनाया जाएगा कि वे कैसे रुचिकर तरीके से बच्‍चों को कहानी सुनाएं। पाठ्यक्रम में शिक्षकों को वेबिनार के जरिए निश्शुल्क प्रशिक्षित किया जाएगा।सीबीएसई के अनुसार शिक्षकों के गूगल क्लासरूम के जरिए पाठ्य सामग्री मुहैया कराई जाएगी। तय कार्यक्रम के अनुसार बोर्ड के यू-ट्यूब चैनल पर वेबिनार होगा। जिसके माध्यम से शिक्षकों को नई कहानी सुनाने के बारे में जानकारी दी जाएगी। कहानी सुनाने की तकनीक में सीखने के बाद शिक्षक इसका उपयोग कक्षाओं में विद्यार्थियों को पढ़ाने में कर सकेंगे।

कहानी के जरिए बेहतर शिक्षा देना ही उद्देश्‍य

सीबीएसई के जिला समन्वयक अजीत दीक्षित का कहना है कि बोर्ड ने बच्‍चों को कहानी के जरिए बेहतर शिक्षा देने के उद्देश्य से यह कदम उठाया है। यह बोर्ड की सराहनीय पहल है। इसका इस्तेमाल कहानी के माध्यम से बच्‍चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने में भी किया जा सकता है। शिक्षकों के लिए इससे संबंधित आयोजित वेबिनार व पाठ्यक्रम सभी भाषाओं में उपलब्ध होगा। शिक्षक वेबिनार में लिंक के माध्यम से जुड़ सकते हैं। बोर्ड की वेबसाइट पर इससे जुड़ी जानकारी उपलब्ध कराई गई है। सभी 117 स्कूलों के प्रधानाचार्यों को बताया जा चुका है, ताकि इसको लेकर उन्हें किसी तरह की कोई दुविधा न हो।

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