Gorakhpur Housing Scheme: गोरखपुर में फ्लैट पाने का सुनहरा मौका, हाउस‍िंग स्‍कीम लाने जा रहा नगर न‍िगम

Gorakhpur Housing Scheme गोरखपुर नगर निगम प्रशासन अब ग्रुप हाउसिंग के क्षेत्र में प्रवेश करेगा। नगर निगम शहर में अपनी बेशकीमती जमीनों पर फ्लैट बनाकर बेचेगा। शहर के बाहरी इलाकों की जमीनों की प्लाटिंग कर बेचने की योजना है। इससे नगर निगम को करोड़ों रुपये की कमाई होगी।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 11:30 AM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 12:58 PM (IST)
Gorakhpur Housing Scheme: गोरखपुर में फ्लैट पाने का सुनहरा मौका, हाउस‍िंग स्‍कीम लाने जा रहा नगर न‍िगम
गोरखपुर नगर न‍िगम अब फ्लैट भी बनवाएगा। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। Gorakhpur Nagar Nigam Housing Scheme: आय बढ़ाने के लिए परेशान नगर निगम प्रशासन अब ग्रुप हाउसिंग के क्षेत्र में प्रवेश करेगा। नगर निगम शहर में अपनी बेशकीमती जमीनों पर फ्लैट बनाकर बेचेगा। शहर के बाहरी इलाकों की जमीनों की प्लाटिंग कर बेचने की योजना है। इससे नगर निगम को करोड़ों रुपये की कमाई होगी। शहर में नगर निगम के पास बहुत जमीन है। हाल ही में 32 गांव जुडऩे के बाद नगर निगम का लैंड बैंक बढ़ा है। 32 गांवों में नगर निगम की जमीन का रिकार्ड राजस्व विभाग से मांगा भी जा चुका है। जमीन जैसे ही नगर निगम के रिकार्ड में दर्ज होगी, इसका चिह्नांकन कर दिया जाएगा।

छह हजार वर्गमीटर में बनेंगे फ्लैट

नगर निगम की ग्रुप हाउसिंग योजना कम से कम छह हजार वर्गमीटर की होगी। इसके लिए शहर में जमीन की तलाश शुरू हो गई है। इससे ज्यादा जमीन मिलने पर योजना को विस्तार दिया जाएगा। नगर निगम के पास सहारा इस्टेट, मोहरीपुर के साथ ही लालडिग्गी, बिछिया आदि स्थानों पर जमीन है। कई जमीनों पर कब्जा भी हो चुका है। जिला अस्पताल के पास बेशकीमती जमीन का मामला न्यायालय में विचाराधीन है।

32 गांवों में मिलेगी जमीन

नगर निगम में शामिल 32 गांवों की जमीन पहले से ही काफी महंगी है। तारामंडल क्षेत्र की जमीनों की कीमत पांच से छह हजार रुपये प्रति स्क्वायर फीट तक पहुंच गई है। इसके अलावा शहर के अन्य हिस्सों में भी जमीन कीमतें आसमान पर हैं। गोरखपुर विकास प्राधिकरण की खोराबार टाउनशिप पर काम शुरू होने के साथ ही इस इलाके में भी जमीन की कीमतें काफी बढ़ गई हैं।

आमदनी 32 करोड़, वेतन पर ही सौ करोड़ से ज्यादा खर्च

नगर निगम को गृह, जल व सीवर कर से तकरीबन 26 करोड़ की सालाना आय होती है। इसके अलावा विज्ञापन, लाइसेंस शुल्क, टैक्सी स्टैंड आदि से तकरीबन छह करोड़ रुपये की आय होती है। लेकिन खर्च की बात करें तो वेतन पर ही हर साल नगर निगम सौ करोड़ रुपये खर्च करता है। शहर में विकास कार्यों के लिए नगर निगम को राज्य वित्त आयोग, केंद्रीय आपदा राहत, नगरीय सड़क सुधार योजना अनुदान, अमृत मिशन अनुदान आदि मदों में रुपये मिलते हैं।

मुख्यमंत्री जी की मंशा के अनुरूप नगर निगम प्रशासन अपनी आय बढ़ाने में जुटा हुआ है। नगर निगम के पास शहर में बहुत जमीन है। ग्रुप हाउसिंग से अच्‍छी कमाई होगी। इससे नगर निगम आत्मनिर्भर बनेगा। साथ ही नागरिकों को एक अ'छा विकल्प भी मिलेगा। - अविनाश सिंह, नगर आयुक्त।

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