अब सरकारी क्रय केंद्रों पर धन नहीं बेच सकेंगे बटाईदार किसान, एक नवंबर से शुरू होगी की खरीद
पहले बंटाईदार किसानों से भी सरकारी क्रय केंद्रों पर धान की खरीद होती थी लेकिन इस बार इस पर रोक लग गई है। शासन ने बंटाइदार किसानों का पंजीकरण न करने का निर्देश दिया है। इससे महराजगंज जिले के किसान काफी परेशान हैं।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। काश्तकारों से खेत बटाई पर लेकर खेती करने वाले किसान इस बार सरकारी क्रय केंद्रों पर धान नहीं बेच पाएंगे। शासन ने क्रय केंद्रों पर धान बेचने के लिए पंजीकरण का सत्यापन कराना अनिवार्य कर दिया है। पहले बटाईदार किसानों को बिना सत्यापन कराए धान बेचने की छूट दी जाती थी। लेकिन शासन की नई गाइडलाइन से बटाई पर खेती करने वाले किसानों में मायूसी है। महराजगंज जिले में एक नवंबर से धान खरीद के लिए शासन ने तैयारी शुरू कर दी है।
धान खरीद के लिए शुरू हुई पंजीकरण की प्रकिया
धान की खरीद के लिए खाद्य व रसद विभाग की वेबसाइट पर किसानों के पंजीकरण की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। इसको लेकर शासन ने मानक तय कर दिए हैं। इस बार काश्तकारों से बटाई पर खेत लेकर खेती करने वाले किसानों को अपनी उपज क्रय केंद्र पर बेचने का मौका नहीं मिलेगा। दरअसल, धान खरीद में धांधली रोकने के लिए शासन ने गाइड लाइन बदली है। बिना सत्यापन अनाज की खरीद में तमाम तरह की धांधली की आशंका बनी रहती है।
खेत बटाई पर लेकर हजारों लोग करते हैं खेती
महराजगंज कृषि प्रधान जनपद है। यहां खेती ही आजीविका का मुख्य साधन है। ऐसे में जिन लोगों के पास जमीन नहीं है, वे भी बड़े काश्तकारों की जमीन बटाई पर लेकर धान, गेहूं की खेती करते हैं। इसके जरिए उनका घर-परिवार चलता है। पहले ऐसे किसानों का अनाज भी सरकारी क्रय केंद्रों पर खरीदा जाता था। उनके आवेदन का सत्यापन नहीं किया जाता था।
लघु व सीमांत किसानों का होगा सत्यापन
शासन धान खरीद को पारदर्शी बनाने में जुटा हुआ है। ऐसे में अब लघु व सीमांत किसानों के पंजीकरण का भी सत्यापन कराने का निर्देश दिया गया है। एसडीएम स्तर से आनलाइन पंजीकरण का सत्यापन कर संस्तुति की जाएगी। इसके बाद ही छोटे किसान क्रय केंद्र पर अनाज बेच सकते हैं। बड़े किसानों का सत्यापन एडीएम स्तर से किया जाएगा।
धान बेचने के लिए सत्यापन अनिवार्य
जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि सरकारी क्रय केंद्र पर धान बेचने के लिए सत्यापन अब अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसे में बटाई पर खेती करने वाले किसान अब अनाज नहीं बेच पाएंगे। लघु व सीमांत किसान भी बिना सत्यापन अनाज नहीं बेच सकेंगे।
किसानों को होगी परेशानी, बढ़ी चिंता
भेडिया गांव के रहने वाले राजू यादव विभाग के नियम के अनुसार अब भूमि मालिक के नाम से ही पंजीकरण होगा, इससे धान की राशि भी उन्हीं के खाते में जाएगी। जिससे कुछ हद तक असुविधा का सामना करना पड़ेगा।
पहले थी बंटाईदारों के पंजीकरण कराने की सुविधा
जगरनाथपुर निवासी सर्वेश शर्मा बताते हैं कि दो वर्ष पूर्व बटाईदारों को पंजीकरण कराने की सुविधा दी गई थी, लेकिन अब इसे बंद कर दिया गया। शासन ने कुछ अच्छा सोचकर ही इस नियम को अपनाया होगा।
पंजीकरण न होने से परेशान हैं बटाइदार किसान
सिसवां गांव के रामसरन बताते हैं कि बटाईदारों का पंजीकरण न होने की वजह से उन्हें काफी परेशानी होगी। मजबूरन कम भूमि वाले बटाईदार अपनी भूमि पर दूसरों का धान बेचने के लिए मजबूर होंगे।