अब हादसे की वजह नहीं बनेंगे स्कूलों के जर्जर भवन, गोरखपुर में जर्जर भवन चिह्नित Gorakhpur News

वर्तमान में जनपद में 207 जर्जर चिह्नित हैं। इनमें सर्वाधिक 20 भवन जंगल कैडिय़ा व 17 पिपराइच में हैं। महानिदेशक स्कूल शिक्षा पहले ही बीएसए को ध्वस्तीकरण का निर्देश दे चुके हैं। भवनों के मूल्यांकन के लिए तीन सदस्यीय तकनीकी समिति का गठन किया गया है।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 17 Mar 2021 04:36 PM (IST) Updated:Wed, 17 Mar 2021 06:20 PM (IST)
अब हादसे की वजह नहीं बनेंगे स्कूलों के जर्जर भवन, गोरखपुर में जर्जर भवन चिह्नित Gorakhpur News
जिला बेसिक शिक्षाधिकारी भूपेंद्र कुमार सिंह का फाइल फोटो, जागरण।

गोरखपुर, जेएनएन। बेसिक शिक्षा विभाग के जर्जर भवन अब हादसे की वजह नहीं बनेंगे। शासन के निर्देश पर इनके ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू हो गई है। जल्द ही इनका अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। डोमिनगढ़ द्वितीय प्राथमिक विद्यालय से ध्वस्तीकरण का कार्य आरंभ हो चुका है।

जिले में 207 जर्जर भवन चिह्नित

वर्तमान में जनपद में 207 जर्जर चिह्नित हैं। इनमें सर्वाधिक 20 भवन जंगल कैडिय़ा व 17 पिपराइच में हैं। महानिदेशक स्कूल शिक्षा पहले ही बीएसए को ध्वस्तीकरण का निर्देश दे चुके हैं। भवनों के मूल्यांकन के लिए तीन सदस्यीय तकनीकी समिति का गठन किया गया था। जिनके द्वारा पहले भवनों का मूल्यांकन किया जा रहा है। उसके बाद जैसे-जैसे तकनीकी टीम रिपोर्ट देगी वैसे-वैसे ध्वस्तीकरण होता जाएगा।

किस ब्लाक में कितने भवन हैं जर्जर भवन

बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा जारी विद्यालयों के जर्जर भवनों की सूची के अनुसार सरदारनगर में चार, बेलघाट में आठ, ब्रह्मपुर में 14, खोराबार में 12, नगर क्षेत्र में 13, सहजनवां में 14, भटहट सात, खजनी में नौ, उरुवा में सात, कौड़ीराम में दस, गोला में 12, गगहा में छह, कैंपियरगंज में नौ, जंगल कौडिय़ा में 20, पाली में चार, बासगांव में आठ, पिपरौली में पांच, चरगांवा में 12, बड़हलगंज में 16 व पिपराइच में 17 ब्लाक के 17 भवन शामिल हैं।

तीन सदस्यीय तकनीकी समिति का गठन

जिला बेसिक शिक्षाधिकारी भूपेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि शासन के निर्देश पर चिह्नित भवनों के मूल्यांकन के लिए पूर्व में ही तीन सदस्यीय तकनीकी समिति का गठन किया जा चुका है। फिलहाल मूल्यांकन रिपोर्ट के आधार पर डोमिनगढ़ द्वितीय प्राथमिक विद्यालय का ध्वस्तीकरण किया जा रहा है। जैसे-जैसे टीम से मूल्यांकन रिपोर्ट प्राप्त होगा वैसे-वैसे संबंधित भवनों का ध्वस्तीकरण कराया जाएगा।

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