अब आम बच्चों की तरह चल फिर सकेगा संतोष, दुर्घटना में कट गए थे हाथ-पैर Gorakhpur News
छात्र की प्रतिभा व उत्साह देख बीएसए भावुक हो गए। उन्होंने प्रधानाध्यापक से बच्चे के बारे में पूरी जानकारी ली। बच्चे को अपने पास बुलाकर खूब मन लगाकर पढऩे के लिए प्रोत्साहित किया।
गोरखपुर, जेएनएन। परिषदीय विद्यालय के कक्षा-दो के आठ वर्षीय छात्र संतोष कुमार को सप्ताह भीतर नया जीवन मिल जाएगा। एक हाथ व एक पैर से दिव्यांग संतोष आम बच्चों की तरह चल फिर सकेगा। यह संभव होगा जिला बेसिक शिक्षाधिकारी भूपेंद्र नारायण सिंह की पहल पर।
संतोष करा रहा था पीटी
पिछले सप्ताह बीएसए निरीक्षण के दौरान जंगल कौडिय़ां विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय डोहरिया बाजार प्रथम पहुंचे। वहां छात्र व्यायाम (पीटी) कर रहे थे।
छात्रों को पीटी करा रहा था दिव्यांग संतोष
उस समय संतोष पीटी करा रहाथा। छात्र की प्रतिभा व उत्साह देख बीएसए भावुक हो गए। उन्होंने प्रधानाध्यापक से बच्चे के बारे में पूरी जानकारी ली। बच्चे को अपने पास बुलाकर खूब मन लगाकर पढऩे के लिए प्रोत्साहित किया।
अपने पैसे से दिजाएंगे कृत्रिम अंग
पुन: निरीक्षण के दौरान विद्यालय पहुंचे बीएसए ने पहल करते हुए संतोष को अपने खर्चे पर कृत्रिम अंग प्रदान देने का बीड़ा उठाया। बीएसए ने छात्र को डॉक्टर के पास भेजकर छात्र के हाथ पैर का नाप कराया। उन्होंने जागरण को बताया कि एक सप्ताह के अंदर छात्र को कृत्रिम अंग मिल जाएगा, जिसके बाद वह आम बच्चों की भांति अपने पैरों पर खड़ा हो सकेगा। हाथ से काम भी कर सकेगा।
दुर्घटना में कट गए थे हाथ-पैर
जब संतोष की उम्र महज तीन से चार वर्ष की होगी तभी वह सड़क दुर्घटना का शिकार हो गया। दुर्घटना में उसने अपना बाया हाथ व पैर गंवा दिया। इसके बाद भी उसने हार नहीं मानी और जिंदगी से संघर्ष करने की ठानी। पढऩे में होनहार संतोष को विद्यालय के शिक्षक भी खूब प्यार-दुलार करते हैं। शिक्षक अन्य छात्रों को भी संतोष से प्रेरणा लेने को कहते हैं।