दक्षिण भारत ही नहीं, अब पूर्वांचल भी नारियल बेल्ट के रूप में होगा विकसित Gorakhpur News

वर्ष 2019 मार्च में तत्कालीन केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह गोरखपुर व आसपास के जिलों में नारियल उप्तादन की संभावना को देखते हुए केवीके बेलीपार को नारियल उत्पादन के लिए निर्देश दिया था। जून 2019 में कोकोनट विकास बोर्ड पटना के माध्यम से यहां नारियल की नर्सरी डाली गई।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 11:29 AM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 06:36 PM (IST)
दक्षिण भारत ही नहीं, अब पूर्वांचल भी नारियल बेल्ट के रूप में होगा विकसित Gorakhpur News
यह है नारियल वृक्ष का फाइल फोटो, जेएनएन।

गोरखपुर, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विशेष प्रयास से पूर्वांचल को नारियल बेल्ट के रूप में विकसित करने की तैयारी चल रही है । कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) बेलीपार की मदद से जिले के किसान दो हजार से अधिक नारियल के पौधे रोप चुके हैं। केवीके बेलीपार में अभी भी 3500 से अधिक पौधे मौजूद हैं। वहां नारियल की नर्सरी विकसित की जा रही है। इस नर्सरी के माध्यम से जुलाई में नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय अयोध्या प्रदेश के 24 कृषि विज्ञान केंद्रों नारियल के पौधे बांटेगा। ताकि दक्षिण भारत ही नहीं, बल्कि पूर्वांचल का यह क्षेत्र भी नारियल बेल्ट के रूप में जाना जाए।

वर्ष 2019 मार्च में तत्कालीन केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह गोरखपुर व आसपास के जिलों में नारियल उप्तादन की संभावना को देखते हुए केवीके बेलीपार को नारियल उत्पादन के लिए निर्देश दिया था। उसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसे लेकर गंभीर हुए और उनके विशेष प्रयासों के चलते जून 2019 में कोकोनट विकास बोर्ड पटना के माध्यम से यहां नारियल की नर्सरी डाली गई।

ऐसे रोपें नारियल के पौधे

पौधा लगाते समय उसमें प्रति पौधा एक घन मीटर का गड्ढा खोदकर उसमें गोबर की सड़ी खाद व कीटनाशी मिट्टी में मिलाना जरूरी है । साथ ही जब पौधा रोपण करें तो उसके चारो तरफ करीब एक किलो नमक गड्ढे में डाल दें। उसके बाद पानी डालें। नारियल का पौधा उत्पादन के साथ-साथ सुंदरता को भी बढ़ाता है।

सिंचाई के लिए चाहिए खारा पानी

नारियल के पेड़ आमतौर पर समुद्र के तटीय क्षेत्रों में बहुतायत संख्या में पाए जाते हैं। नारियल के वृक्षों लिए खारा(नमकीन) पानी की जरूरत होती है। यहां मिट्टी नारियल के लिए अनुकूल है। 35 से 45 डिग्री तापमान नारियल के पौधों के विकास के लिए उपयुक्त है। ऐसे में ङ्क्षसचाई के लिए पानी में नमक डालना चाहिए। इसके लिए आद्र्रता अधिक होनी चाहिए। तराई के इस बेल्ट में आद्र्रता अधिक रहती है।

जुलाई में वितरित किए जाएंगे 24 केवीके को पौधे

कृषि विज्ञान केंद्र बेलीपार के प्रभारी डा.एसके तोमर ने बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र में नारियल की नर्सरी विकसित की जा रही है। आगामी जुलाई माह में नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय अयोध्या के माध्यम से इन पौधों को महराजगंज, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, बस्ती, देवरिया, बलरामपुर, कुशीनगर, संतकबीरनगर सहित प्रदेश के 24 कृषि विज्ञान केंद्रों को वितरित किया जाएगा। इन कृषि विज्ञान केंद्रों के जरिये पौधों 24 जिलों के किसानों को वितरित किये जाएंगे।

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