अब नहीं भा रहे लोगों को वीआइपी नंबर, जानिए क्‍या है कारण

गोरखपुर जनपद में पिछले सप्ताह समाप्त हुई वाहनों की डीवाइ सीरीज में सिर्फ एक वीआइपी नंबर 0007 नंबर की बोली लगी है। वाहन स्वामी ने एक लाख रुपये में इस नंबर को खरीदा है। इसके अलावा लोगों का रुझान अब वीआइपी नंबरों की ओर कम देखा जा रहा है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 03:30 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 03:30 PM (IST)
अब नहीं भा रहे लोगों को वीआइपी नंबर, जानिए क्‍या है कारण
वीआइपी नंबर की ओर लोगों का घट रहा रुझान। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता : इसे कोरोना काल में खर्चों की कटौती कहें या वाहनों के नंबर को लेकर उदासीनता। लोगों को अब आरटीओ के वीआइपी नंबर पसंद नहीं आ रहे। सामान्य दिनों में जिन फैंसी नंबरों के लिए परिवहन विभाग में मारामारी मची रहती थी, अब उन्हें कोई पूछने वाला नहीं है। वाहनों की शोभा बढ़ाने की बजाय फाइलों में ही नंबरों का अस्तित्व समाप्त हो जा रहा है।

वीआइपी नंबर 0007 की लगी बोली

गोरखपुर जनपद में पिछले सप्ताह समाप्त हुई वाहनों की डीवाइ सीरीज में सिर्फ एक वीआइपी नंबर 0007 नंबर की बोली लगी है। वाहन स्वामी ने एक लाख रुपये में इस नंबर को खरीदा है। शेष 18 नंबरों को कोई खरीदार ही नहीं मिला। यही स्थिति डीएक्स सीरीज में भी रही। इस सीरीज में भी वीआइपी के 1111 और 5555 नंबर ही बिक पाए। शेष नंबर खरीदार के इंतजार में बंद हो गए। दरअसल, गोरखपुर में 339 वीआइपी नंबर अधिकृत हैं। इन नंबरों का अधिकतम कीमत दो पहिया वाहनों के लिए 20 हजार व चार पहिया को एक लाख रुपये निर्धारित है। इन नंबरों को आवंटित कराने के लिए नीलामी की प्रक्रिया का प्रावधान है। वाहन स्वामियों को आनलाइन आवेदन करना होता है। जानकारों का कहना है कि वीआइपी की जगह लोग जन्मतिथि और मोबाइल नंबर के अंतिम चार नंबर को ही अपने वाहन पर भी सजाना चाह रहे हैं। ऐसे में ऐच्छिक नंबरों की बिक्री बढ़ गई है।

एक और पांच हजार में खूब बिक रहे मनचाहा नंबर

वीआइपी नंबरों की कीमत बढ़ाने के बाद परिवहन विभाग ने वाहन स्वामियों को एक सहूलियत भी दी है। वाहन स्वामियों को निर्धारित वीआइपी के अलावा कोई भी दूसरा मनचाहा नंबर (एच्छिक नंबर) बुक कर सकते हैं। इसके लिए भी आनलाइन आवेदन करना होता है। दो पहिया वाहनों के लिए एक हजार और चार पहिया वाहनों के लिए पांच हजार रुपये शुल्क निर्धारित है। शुल्क जमा करने के बाद 24 घंटे के अंदर मनचाहा नंबर जारी हो जाता है। इधर, एच्छिक नंबरों की बिक्री बढ़ गई है। डीवाई सीरीज में पांच हजार वाले 51 और एक हजार वाले 55 नंबर बिके हैं।

बुक होने लगे डीजेड सीरीज के नंबर

सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) श्याम लाल के अनुसार डीजेड सीरीज के नंबरों की बुकिंग शुरू हो गई है। वाहन स्वामी वीआइपी के अलावा ऐच्छिक नंबरों की बुकिंग कर सकते हैं। आनलाइन आवेदन के साथ ही मनचाहे नंबर बुक हो जा रहे हैं।

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