अब आबादी वाले हिस्से की ओर बढ़ नारायणी नदी, कटान से दहशत में लोग
कुशीनगर जिले में पिछले एक पखवारे से कृषि योग्य भूमि की कटान कर रही नारायणी नदी की नजर अब आबादी वाले हिस्से को लेकर भी टेढ़ी हो चली है। तमकुहीराज तहसील क्षेत्र स्थित एपी बांध के किनारे के गांव में कटान कर रही नदी आबादी की ओर बढ़ चली है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता : कुशीनगर जिले में पिछले एक पखवारे से कृषि योग्य भूमि की कटान कर रही नारायणी नदी की नजर अब आबादी वाले हिस्से को लेकर भी टेढ़ी हो चली है। तमकुहीराज तहसील क्षेत्र स्थित एपी बांध के किनारे के गांव पिपराघाट के एहतमाली, उपाध्याय टोला, दहारी टोला,तवक्कल टोला, भंगी टोला, तेजू टोला, मोती राय टोला, बुटन टोला, शिव टोला, देव नारायण टोला, जोगिनी टोला, नरवाजोत टोला में कृषि योग्य भूमि की कटान कर रही नदी कचहरी टोला में आबादी के हिस्से की ओर बढ़ चली है।
कई पक्के मकान भी आ सकते हैं कटान की जद में
कटान की जद में कई लोगों के पक्के मकान भी आ सकते है। इससे ग्रामीणों में दहशत बढ़ गई है। यदि समय रहते बचाव नहीं किया गया तो कचहरी टोला का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है। इस गांव में वर्ष 2012 में बैरिया टोला तथा 2017 में कंचन टोला व चितू टोला का कटान के चलते अस्तित्व मिट चुका है। कचहरी टोला का 60 फीसद हिस्सा भी कटान का शिकार हो चुका है। सूचना पर टीम के साथ पहुंचे बाढ़ खंड के एसडीओ एसके प्रियदर्शी ने बचाव कार्य शुरू करा दिया है। हालांकि नदी के डिस्चार्ज में चार हजार क्यूसेक की कमी दर्ज की गई और यह 1.61 लाख क्यूसेक पर आ गया, लेकिन नदी क्षेत्र में बारिश होने के चलते जलस्तर में 15 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गई।
खतरे के निशान से 80 सेंटीमीटर नीचे बह रही नदी
पिपराघाट में लगे गेज पर जलस्तर 75.40 मीटर रहा जो खतरा के निशान 76.20 मीटर से महज 80 सेंटीमीटर नीचे है। एपी बांध के किमी 12.500 से किमी 13.500 बाघाचौर नोनिया पट्टी के सामने, नरवाजोत विस्तार बांध, अमवाखास बांध के किमी 7.500 से किमी 8.600 व लक्ष्मीपुर में स्थिति संवेदनशील है। नरवाजोत-पिपराघाट बांध के किमी 950 से किमी 1.1450 पर स्लोप पर बचाव कार्य चल रहा है।
बांध व आबादी को नहीं है कोई खतरा: एक्सईएन
बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता एमके सिंह ने संवेदनशील स्थानों पर बचाव कार्य चल रहा है। बांध पूरी तरह सुरक्षित है। आबादी को कटान से बचाने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा है।
चखनी ड्रेन की सफाई न होने से हजारों एकड़ फसल जलमग्न
तमकुहीराज तहसील क्षेत्र के चखनी खास गांव स्थित चखनी ताल से जुड़ी चखनी ड्रेन की दो दशक से सफाई न होने से एक हजार एकड़ गन्ना व धान की फसल जलमग्न हो गई है। उक्त ताल में एकत्रित बारिश का पानी चार किमी लंबी ड्रेन से होकर मंझरिया स्केप में निस्तारित होता है। दो दशक पूर्व ड्रेन पर पुलिया निर्माण व सफाई हुई थी। अब ड्रेन सिल्ट व मिट्टी से पट चुकी है, जिससे बारिश के पानी का बहाव अवरुद्ध है। इससे चखनी खास, कोइंदी, बरियारपुर, कोडरा टोला, बनवरिया, मोरवन, मुन्नी पट्टी, माधोपुर बुजुर्ग गांव के किसानों की फसलें जलभराव से बर्बाद हो रही हैं।