अब नैनो डीएपी भी मिलेगा बोतल में!, छह किसानों ने धान की फसल में किया प्रयोग
इफको द्वारा अब किसानों को नैनो यूरिया के साथ नैनो डीएपी खाद भी बोतल में देने की योजना है। इसको लेकर इफको की ओर से जिले में ट्रायल शुरू कर दिया गया है। जिले के छह किसानों ने इस बार धान की फसल में नैनो डीएपी का प्रयोग किया है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता : इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (इफको) द्वारा अब किसानों को नैनो यूरिया के साथ नैनो डीएपी खाद भी बोतल में देने की योजना है। इसको लेकर इफको की ओर से जिले में ट्रायल शुरू कर दिया गया है। जिले के छह किसानों ने इस बार धान की फसल में नैनो डीएपी का प्रयोग किया है। बोरी के खाद के मुकाबले बेहतर परिणाम आने पर अगले फसली वर्ष से जिले के उर्वरक की दुकानों पर इसे उपलब्ध करा दिया जाएगा।
काफी कारगर साबित होगी नैनो डीएपी
इफको के जिला प्रबंधक राजेश मौर्य ने बताया कि डीएपी की बोरी वाली खाद के मुकाबले नैनो डीएपी काफी कारगर साबित होगी। बोरी की खाद में से फसल मात्र 30 फीसद डीएपी रसायन ही फसल को प्राप्त होता है। शेष 70 फीसद ठोस पदार्थ भूमि को पथरीली बनाने का कारण बनता है। ऐसे में नैनो डीएपी इसके मुकाबले पूरा 100 फीसद न सिर्फ घुलनशील होती है, बल्कि फसल के पौधों को उच्च पोषण देने में भी सहायक है।
दो बार का प्रयोग लाभकारी
नैनो डीएपी फसल का दो बार उपयोग कर सकते हैं। प्रथम बार इसका प्रयोग बीज शोधन अर्थात धान की रोपाई के पूर्व नैनो डीएपी के घोल में धान की नर्सरी के जड़ को भिगोने के बाद उसकी रोपाई की जाए। इसके बाद 25 से 30 दिनों के अंतराल में नैनो डीएपी के घोल का छिड़काव किया जाए। प्रति एकड़ परिक्षेत्र में 250 मिलीग्राम नैनो डीएपी लाभकारी है।
इन किसानों के खेतों में पहली बार हुआ ट्रायल
इफको कंपनी के इस प्रोडक्ट के ट्रायल की शुरूआत में जिले के छह किसानों ने इसे अपनाया है। इसमें मिठौरा ब्लाक के देउरवा निवासी राजेश पटेल, कंचनपुर निवासी छोटेलाल यादव, करौता निवासी नागेंद्र प्रसाद त्रिपाठी, सदर ब्लाक के गौनरिया बाबू निवासी सत्येंद्र पटेल, फरेंदा के फुलवरिया निवासी राजेश पांडेय, लक्ष्मीपुर ब्लाक के भगीरथपुर भरवलिया निवासी राकेश राय ने अपनी एक एकड़ भूमि में नैनो डीएपी का प्रयोग किया है।
किसानों को नैनो डीएपी के प्रयोग के लिए किया जाएगा जागरूक
महराजगंज के जिला कृषि अधिकारी वीरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि किसानों के लिए नैनो यूरिया के साथ नैनो डीएपी खाद कृषि क्षेत्र में नई क्रांति लाने का काम करेगी। इसमें जहां समय की बचत होगी, वहीं इसके कम भार की वजह से राजस्व समेत आर्थिक लाभ भी होगा। किसानों को नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के प्रयोग के लिए जागरूक किया जाएगा।