अब जिले में ही स्वीकृत हो जाएंगे ऋण Gorakhpur News
डीजीएम पीसी बरोड के अनुसार नई व्यवस्था से छोटे ऋणों की मंजूरी एवं वितरण में समय कम लगेगा। संबंधित जिले से ही ऋण की स्वीकृति हो जाएगी।
गोरखपुर, जेएनएन। ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ें और पहले से लगे उद्योगों को आसानी से ऋण मुहैया हो सके, इसके लिए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) ने नई व्यवस्था बनाई है। इसे डिजिटल व रिटेल बैंकिंग नाम दिया गया है। इसके तहत हर जिले में ऋण स्वीकृति का केंद्र बना दिया गया है, पहले सभी जिलों से स्वीकृति के लिए आवेदन गोरखपुर स्थित आंचलिक कार्यालय भेजे जाते थे।
एसबीआइ की व्यवस्था पांच क्षेत्रों में विभाजित
अधिक से अधिक लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए एसबीआइ ने गोरखपुर जोन का पुनर्गठन किया है। पहले पूरे जोन की व्यवस्था छह क्षेत्रों में विभाजित थी। अब इसे घटाकर पांच क्षेत्र कर दिया गया है। जबकि बलिया, मऊ व आजमगढ़ की 47 शाखाओं को गोरखपुर जोन में शामिल कर लिया गया है।
बस्ती से भी होगा संचालन
नई व्यवस्था में चार क्षेत्रों का संचालन गोरखपुर से व एक क्षेत्र का बस्ती से होगा। गोरखपुर में वित्तीय समावेशन के दो केंद्र बनाए गए हैं, जो विभिन्न जिलों की ग्रामीण क्षेत्रों की क्रमश: 83 व 74 शाखाओं की निगरानी करेंगे। इसके अलावा गोरखपुर में उत्तरी व दक्षिणी केंद्र तथा बस्ती के केंद्र से विभिन्न जनपदों की 165 शहरी शाखाओं का संचालन किया जाएगा।
अब गोरखपुर अंचल से संचालित होंगी स्टेट बैंक की 322 शाखाएं
पहले गोरखपुर अंचल में गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया, सिद्धार्थनगर, कुशीनगर, संतकबीर नगर, अंबेडकरनगर व बस्ती की 275 शाखाएं थीं। अब नई व्यवस्था के तहत बलिया, मऊ व आजमगढ़ जिलों की कुछ 47 शाखाएं और जुड़ गई हैं। अब कुल शाखाओं की संख्या 322 हो गई है।
सेवाओं की गुणवत्ता और उपलब्धता में होगा सुधार
एसबीआइ के डीजीएम पीसी बरोड के अनुसार नई व्यवस्था से छोटे ऋणों की मंजूरी एवं वितरण में समय कम लगेगा। संबंधित जिले से ही ऋण की स्वीकृति हो जाएगी। ग्राहकों को प्रदान की जाने वाली सेवाओं की गुणवत्ता और उपलब्धता में सुधार भी तेजी से हो सकेगा।