अब पता चला, कनेक्शन कटवाने के बाद भी क्यों आते हैं बिजली बिल Gorakhpur News
मीटर जमा हो जाने के बाद भी अंतिम हिसाब न होने के कारण हजारों लोगों का नाम बिजली निगम के सिस्टम में चल रहा है। ऐसे लोगों पर एक हजार से 20 हजार रुपये तक का बकाया है।
गोरखपुर, जेएनएन। बिजली का कनेक्शन कटवाने (पीडी) के बाद मीटर उतर गया तो निश्चिंत होकर न बैठ जाइए। मीटर जमा होने के बाद अंतिम हिसाब करना जरूरी होता है। यह जानकारी न होने के कारण हजारों लोग कनेक्शन कटवाने के बाद भी बिजली निगम के बकायेदार हैं। अब ऐसे बकायेदारों को निगम के अफसर नोटिस जारी करने जा रहे हैं।
शहर और ग्रामीण क्षेत्र के हजारों उपभोक्ताओं ने विभिन्न कारणों से कनेक्शन कटवाया लेकिन अंतिम हिसाब नहीं किया। हाल ही में मोहद्दीपुर के चारफाटक के पास कोचिंग सेंटर चलाने वाले एक युवक ने मुख्य अभियंता से मुलाकात की। बताया कि कनेक्शन पीडी कराने के बाद भी उसे 2.50 लाख रुपये का बिल थमा दिया गया है। उसने पीडी की रसीद भी दिखायी। पता चला कि आफिस से आदेश न बनने के कारण कनेक्शन सिस्टम से डिलीट ही नहीं हुआ है।
सिस्टम में चल रहा नाम
मीटर जमा हो जाने के बाद भी अंतिम हिसाब न होने के कारण हजारों लोगों का नाम बिजली निगम के सिस्टम में चल रहा है। ऐसे लोगों पर एक हजार से 20 हजार रुपये तक का बकाया है।
मीटर उतारते समय की रीडिंग पर होता है भुगतान
कनेक्शन कटवाने के लिए उपभोक्ता को सबसे पहले बिल का पूरी तरह भुगतान करना होता है। बिल भुगतान के बाद उपभोक्ता कनेक्शन कटवाने के लिए आवेदन करते हैं। निर्धारित शुल्क जमा कर जेई को मीटर जमा करने के निर्देश दिए जाते हैं। जिस दिन मीटर परिसर से उतारा जाता है उस दिन की रीडिंग को जेई रसीद पर दर्ज करता है। इसके आधार पर बिल बनता है। इस बिल को जमा करने के बाद रसीद के आधार पर संबंधित उपखंड अधिकारी उपभोक्ता का कनेक्शन सिस्टम से डिलीट करता है। मुख्य अभियंता देवेंद्र सिंह का कहना है कि अंतिम हिसाब न होने के कारण पीडी के कई मामले अब भी चल रहे हैं। अभियंताओं को निर्देश दिए गए हैं कि वह जल्द से जल्द संबंधित लोगों को नोटिस जारी कर अंतिम हिसाब के लिए निर्देशित करें।