अब रेलवे स्टेशनों पर जानलेवा नहीं हो पाएगा हृदयाघात, फर्स्‍ट एड बाक्स में उपलब्ध कराया जाएगा एईडी

रेलवे स्टेशन पर किसी यात्री या रेलकर्मी को हार्ट अटैक आने पर तुरंत ही प्राथमिक उपचार हो जाएगा। लोगों की जिंदगी बचाने के लिए रेलवे प्रशासन ने स्टेशनों पर स्थित एईडी की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 07 Aug 2021 11:25 AM (IST) Updated:Sat, 07 Aug 2021 11:25 AM (IST)
अब रेलवे स्टेशनों पर जानलेवा नहीं हो पाएगा हृदयाघात, फर्स्‍ट एड बाक्स में उपलब्ध कराया जाएगा एईडी
रेलवे स्टेशन पर हार्ट अटैक आया तो तुरंत मिल जाएगा उपचार। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता : रेलवे स्टेशनों पर अब किसी यात्री या रेलकर्मी की हृदयगति नहीं रुकेगी। दुर्घटना होने पर या अचानक हार्ट अटैक आने पर स्टेशन पर ही प्राथमिक उपचार हो जाएगा। लोगों की जिंदगी बचाने के लिए रेलवे प्रशासन ने स्टेशनों पर स्थित फर्स्‍ट एड बाक्स में बैट्री आपरेटेड उपकरण आटोमेटेड एक्सटर्नल डेफिब्रिलेटर (एईडी) की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है। प्रथम चरण में गोरखपुर कैंट सहित लखनऊ मंडल के 10 स्टेशनों पर यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

स्‍टेशन पर तैनात रेलकर्मी भी उपचार देने के लिए किए जाएंगे प्रशिक्षित

नई व्यवस्था के तहत रेलवे प्रशासन प्राथमिक उपचार के लिए ट्रेन में यात्रा कर रहे चिकित्सकों, रेलवे चिकित्सकों या स्टेशन पर तैनात संबंधित प्रशिक्षण प्राप्त कर्मियों का सहयोग लेगा। चिकित्सक तो एईडी का उपयोग करना जानते हैं, स्टेशन पर तैनात रेलकर्मी भी इसके लिए प्रशिक्षित किए जाएंगे। लखनऊ मंडल के अपर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक संजय तिवारी के अनुसार फिलहाल इलाज के लिए चिकित्सकों का ही सहयोग लिया जाए। ट्रेन में कोई चिकित्सक नहीं है तो नजदीक के रेलवे या जिला अस्पताल से डाक्टर को बुला लिया जाएगा। प्राथमिकता स्टेशन पर उपकरण उपलब्ध कराना है। उपकरण रहेगा तो हर हाल में यात्री की जान बचा ली जाएगी। हार्ट के मामलों में यह उपकरण ही महत्वपूर्ण होता है।

10 स्‍टेशनों पर एईडी उपलब्‍ध कराने वाला पहला रेलवे बन गया एनईआर

लखनऊ मंडल के जनसंपर्क अधिकारी महेश गुप्त के अनुसार रेलवे बोर्ड के निर्देश पर स्टेशनों पर फर्स्‍ट एड बाक्स में एईडी की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है। पूर्वोत्तर रेलवे भारतीय स्तर पर 10 स्टेशनों पर एईडी उपलब्ध कराने वाला पहला रेलवे बन गया है। दुर्घटना के समय घायल व्यक्ति की अवरुद्ध हृदय गति की लय को फिर से वापस लाने के लिए एईडी का प्रयोग किया जाता है। दुर्घटना की स्थिति में रेलवे कर्मचारियों और यात्रियों के प्राथमिक उपचार के लिए स्टेशन मास्टर, गार्ड, ट्रेन कंडक्टर और गैंग हट पर फर्स्‍ट एड बाक्स उपलब्ध रहता है।

इन स्टेशनों पर उपलब्ध रहेगा एईडी

गोरखपुर कैंट, ऐशबाग, बादशाहनगर, गोमतीनगर, गोंडा, बस्ती, आनंदनगर, सीतापुर, मैलानी और नानपारा।

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