अब मनरेगा का सहारा, जल संरक्षण को तैयार हो रहे गांव Gorakhpur News
साल 2019 में शुरू किया गया जल जीवन हरियाली के तहत तालाब-पोखरे बड़े नाले कुलावों का बड़े पैमाने पर जीर्णोद्धार किया गया। नतीजा यह हुआ कि कई वैसे तालाब भी अस्तित्व में आ गए जो पूरी तरह से विलुप्त हो चुके थे।
गोरखपुर, जेएनएन। जल संरक्षण के प्रति लोगों में जागरूकता आई है। परंपरागत जलश्रोतों को संरक्षित करने के सरकारी-गैरसरकारी प्रयासों में लोग सहयोग दे रहे हैं। यही वजह है कि भूमिगत जलस्तर इस वर्ष गत वर्ष की तुलना में बेहतर है। निकट भविष्य में पेयजल संकट की समस्या आने की संभावना कम ही है। लोगों के प्रयासों को जिले में मनरेगा ने एक अलग ही रूप दिया है। जिले में तालाबों की खोदाई के बाद अब घर-घर शोकपीट का निर्माण कराया जा रहा है। यह कार्य महराजगंज जिले में काफी तेजी के साथ किया जा रहा है।
हर परिवार के वहां शोकपीट का हो रहा निर्माण
साल 2019 में शुरू किया गया जल जीवन हरियाली के तहत तालाब-पोखरे, बड़े नाले, कुलावों का बड़े पैमाने पर जीर्णोद्धार किया गया। नतीजा यह हुआ कि कई वैसे तालाब भी अस्तित्व में आ गए जो पूरी तरह से विलुप्त हो चुके थे। खेत बन चुके तालाबों से अतिक्रमण हटाने में प्रशासन को थोड़ी मुश्किलें आ रही हैं, लेकिन अधिकांश तालाबों से अतिक्रमण हटाने में सफलता मिली है। इसके अलावा जल संरक्षण को लेकर केंद्र से चलाए जा रहे अभियान को लेकर हर लोग जल की महत्ता, इसके संरक्षण की जरूरत को समझ चुके हैं। डीसी मनरेगा अनिल कुमार चौधरी ने बताया कि जल संरक्षण को लेकर शोकपीट का निर्माण प्रत्येक परिवार के वहां कराया जा रहा है। अबतक जिले में 884 शोकपीट के निर्माण हो चुके हैं। अभी भी निर्माण कार्य जारी हैं।
वाटर रिचार्जिंग में मददगार साबित होंगे शोकपीट
जलनिगम के अधिशासी अभियंता एके अग्रवाल ने बताया कि वाटर रिचार्जिंग के लिए शोकपीट काफी मददगार साबित होगा। यह न सिर्फ घर में उपयोग होने वाले इस्तेमाली पानी को भूगर्भ में भेजेगा बल्कि बरसात में वर्षा जल को भी भूमि के अंदर भेजने में सहायक होगा।
12 से लेकर 17 हजार रुपये में बन रहे शोकपीट
मनरेगा योजना के तहत गांवों में बनने वाले शोकपीट में मैटेरियल के नाम पर 12 से 17 हजार रुपये का भुगतान किया जा रहा है। प्रत्येक शोकपीट के निर्माण के पूर्व ब्लाक के अवर अभियंता द्वारा निर्माण कार्य का निरीक्षण किया जाता है। बाद में निर्माण कार्य की फोटो अपलोड होने के बाद संबंधित फर्म के खाते में मनरेगा योजना से पेमेंट कर दिया जाता है।