अब दुर्गा पंडाल की अनुमति के लिए देना होगा कोविड प्रोटोकाल के पालन का शपथ पत्र

दुर्गा प्रतिमा स्थापित करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से अनुमति दी जाएगी लेकिन अनुमति पाने के लिए दुर्गा पूजा समितियों को कोविड 19 के प्रोटोकाल का पालन करने का शपथ पत्र देना होगा। हर पंडाल के बाहर कोविड हेल्प डेस्क भी स्थापित करना होगा।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 10:55 AM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 10:55 AM (IST)
अब दुर्गा पंडाल की अनुमति के लिए देना होगा कोविड प्रोटोकाल के पालन का शपथ पत्र
दुर्गा पंडाल की अनुमति के लिए देना होगा शपथ पत्र। प्रतीकात्मक तस्वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता : दुर्गा पूजा के अवसर पर दुर्गा प्रतिमा स्थापित करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से अनुमति दी जाएगी, लेकिन अनुमति पाने के लिए दुर्गा पूजा समितियों को कोविड 19 के प्रोटोकाल का पालन करने का शपथ पत्र देना होगा। हर पंडाल के बाहर कोविड हेल्प डेस्क भी स्थापित करना होगा और लगातार श्रद्धालुओं को कोविड प्रोटोकाल के पालन के लिए जागरूक करना होगा।

पंडाल में बिना मास्क के प्रवेश नहीं करेगा कोई भी व्यक्ति

प्रशासन की ओर से जारी किए गए दिशा-निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि पंडाल में कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के प्रवेश नहीं करना होगा। पंडाल के बाहर भीड़ भी नहीं लगनी चाहिए। कोरोना प्रोटोकाल का पालन न होने की स्थिति में कार्यवाही भी की जाएगी। भीड़भाड़ वाले स्थानों पर पंडाल स्थापित करने से बचना होगा। जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि दुर्गा पूजा को लेकर दिशा-निर्देश जारी किया जा चुका है। निर्देशों का सख्ती से पालन कराया जाएगा।

अनुमति के लिए आ रहे आवेदन

दुर्गा पूजा को देखते हुए दुर्गा पूजा आयोजन समितियों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। मूर्तिकार भी मूर्तियां बनाने में जुटे हैं। पंडाल के लिए अनुमति पाने को एडीएम सिटी कार्यालय में आवेदन आना शुरू हो गया है। पुलिस रिपोर्ट मंगाने के बाद ही प्रशासन की ओर से अनुमति दी जाएगी।

आयुष्मान भारत योजना का लक्ष्य पाने के लिए जुट जाएं आशा, एएनएम : डीएम

डीएम विजय किरन आनंद ने सभी आशा, एएनएम को निर्देश दिया है कि अपने क्षेत्रों में आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत लाभार्थियों का गोल्डेन कार्ड बनवाने के लिए अभी से जुट जाएं।

बनाया जाना है सभी लाभार्थियों का गोल्डेन कार्ड

डीएम विजय किरन आनंद ने कहा कि सभी लाभार्थियों का गोल्डेन कार्ड बनाया जाना है। इससे गोरखपुर में ही करीब 100 निजी अस्पताल सूचीबद्ध हैं। विभिन्न बीमारियों में पांच लाख रुपये तक का इलाज इस कार्ड के कारण निश्शुल्क होता है।

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