Coronaviras: स्वाद और महक के बाद अब सुनने की शक्ति भी छीन रहा कोरोना Gorakhpur News

कोरोना वायरस लोगों का स्वाद और गंध के बाद अब सुनने की शक्ति छीन रहा है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 13 Aug 2020 05:26 PM (IST) Updated:Fri, 14 Aug 2020 09:30 AM (IST)
Coronaviras: स्वाद और महक के बाद अब सुनने की शक्ति भी छीन रहा कोरोना Gorakhpur News
Coronaviras: स्वाद और महक के बाद अब सुनने की शक्ति भी छीन रहा कोरोना Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना लगातार अपना रूप बदल रहा है। इसे देखकर डॉक्टर भी चिंतित हो गए हैं। अभी तक सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार व सांस फूलने के साथ स्वाद व गंध छीन रहा था। अब सुनने की शक्ति पर भी हमला करने लगा है। ऐसे मामले भी सामने आने लगे हैं जिन्हें या तो सुनाई नहीं पड़ता है या कम सुनाई पड़ने लगा है। उनकी जांच की गई तो कोराेना संक्रमण निकला।

अभी तक इस तरह के दो मामले सामने आए हैं। पिपराइच के एक 35 साल के युवक को स्वाद व गंध न मिलने के साथ ही कान में झनझनाहट थी और उसे सुनाई भी कम पड़ रहा था। इलाज के लिए जिला अस्पताल आया था। उसे भर्ती कर कोरोना की जांच कराई गई तो संक्रमण मिला। अब युवक पूरी तरह ठीक होकर अपने घर जा चुका है। सरदार नगर के एक 65 साल के बुजुर्ग को 10 दिन पहले अचानक सुनाई न देने की दिक्कत महसूस हुई। बहुत तेज बोलने पर ही वह कुछ सुन पाते थे। स्वजन ने उनकी कोरोना जांच कराई तो संक्रमण निकला। इसके पहले उन्हें सुनाई न देने की कभी समस्या नहीं आई थी। वह होम आइसोलेट हैं। एक निजी डॉक्टर के परामर्श से उनका इलाज चल रहा है। धीरे-धीरे अब उनकी सुनने की क्षमता बढ़ रही है।

ऑक्सीजन लेवल पर पहले सेे ही कर रहा हमला

कोरोना के हमले के स्वरूप लगातार बदल रहे हैं। मरीजों में ऑक्सीजन लेवल घटने की समस्या पहले भी थी ले‍ेकिन अब यह बढ़ गया हैै। बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार का कहना है कि कॉलेज में जो भी मरीज आए उनका ऑक्सीजन लेवल कम था। ज्यादातर इलाज से ठीक हो गए।

इसकी अलग से कोई दवा नहीं 

गोरखपुर जिला अस्पताल के फिजिशियन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि स्वाद व गंध न मिलने के लगभग 12 मरीज मेरे पास आए। सुनाई न देने की हल्की समस्या सिर्फ एक में मिली थी। इन समस्याओं के लिए अलग से कोई दवा नहीं चलाई जाती। कोरोना में जो सामान्य दवाएं दी जाती हैं, उसी से यह अपने आप ठीक हो जाती है। जैसे-जैसे वायरस का लोड कम होता है, मरीज पुरानी स्थिति में लौटने लगता है। 

नाक की नस भी हो रही प्रभा‍वित

बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर के ईएनटी विभागाध्यक्ष डॉ. आरएन यादव ने बताया कि कुछ मित्र डॉक्टर भी बता रहे थे कि कुछ ऐसे मरीज आए जिन्हें अचानक सुनाई पड़ना कम हो गया। जैसे नाक की नस को कोरोना प्रभावित कर रहा है, वैसे कान के नस पर भी प्रभाव डाल सकता है। लेकिन कान की नस बहुत अंदर होती है। इसलिए अभी यह कहना मुश्किल है कि सुनाई न पड़ना कोरोना का लक्षण है।

chat bot
आपका साथी