अब ग्राम सचिवालय में बनेंगे प्रमाण पत्र

कुशीनगर के गांवों में तीन माह के भीतर ग्राम पंचायतों से जुड़े कार्य तथा प्रमाणपत्र होंगे उपलब्ध ब्लाक तहसील व जिला मुख्यालय जाने की झंझट से गांव के लोगों को मिल जाएगी मुक्ति इसके लिए विभाग की ओर से तैयारी शुरू कर दी गई है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 12 Aug 2021 05:00 AM (IST) Updated:Thu, 12 Aug 2021 05:00 AM (IST)
अब ग्राम सचिवालय में बनेंगे प्रमाण पत्र
अब ग्राम सचिवालय में बनेंगे प्रमाण पत्र

कुशीनगर: अब गांव के लोगों को आय, जाति, निवास जैसे महत्वपूर्ण प्रमाणपत्र बनवाने के लिए ब्लाक, तहसील व जिला मुख्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। ग्राम पंचायतों से जुड़े कार्य तथा जरूरी प्रमाण पत्र अब ग्राम सचिवालय में ही उपलब्ध कराए जाएंगें। जिन ग्राम पंचायतों में सचिवालय नहीं बने हैं वहां जल्द ही पंचायत भवन बनाए जाएंगे।

सचिवालय की कमान पंचायत सहायक संभालेंगे। तीन माह के अंदर सभी पंचायतों में ग्राम सचिवालय की स्थापना कर इसका संचालन किया जाएगा। सेवरही ब्लाक में 82 ग्राम पंचायत हैं, इनमें से 20 फीसद के करीब ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालय बने हैं। शेष पंचायतों में ग्राम सचिवालय बनाने का कार्य चल रहा है। ग्राम सचिवालय में आनलाइन काम के लिए जनसेवा केंद्र स्थापित किया जाएगा। सरकारी योजनाओं के आवेदन वहीं से किए जाएंगे। बीसी सखी की भी सुविधा मिलेगी, जो महिलाओं के बैंक संबंधी काम करेंगी।

यह होंगे मुख्य कार्य

पेंशन, आवास, इज्जतघर का कार्य, आय, जाति, मूल निवास तथा जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, मनरेगा जाबकार्ड, स्वयं सहायता समूह के काम, खसरा, खतौनी अभिलेखों में सुधार तथा योजनाओं के लिए आनलाइन आवेदन होगा।

एडीओ पंचायत मैनेजर सिंह ने बताया कि ग्राम सचिवालय का संचालन तीन माह के अंदर करना है। नए व पुराने भवन को दुरुस्त कर कर्मचारियों की नियुक्ति की जानी है। इससे ग्रामीणों के सभी काम वहीं होंगे, लोगों को ब्लाक व मुख्यालय तक नहीं आना पड़ेगा।

नहीं मिला आवास की किस्त का पूरा धन

नगर पंचायत खड्डा के वार्ड नंबर पांच सुभाषनगर के रहने वाले हरिहर प्रसाद का चयन प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी में हुआ है। उनका आरोप है कि आवास की प्रथम किस्त 50 हजार रुपये में से 10 हजार रुपये नहीं मिले, शेष 40 हजार रुपये खाते से निकलवाकर खुद सभासद ही आवास की नींव खड़ी करवाने लगे। नींव में मिट्टी भी नहीं भरी गई है।

सभासद से पूछने पर कहते हैं कि दूसरी किस्त आने पर ही आगे का निर्माण हो सकेगा। आवास स्वीकृत हुआ तो 40 हजार रुपये से दो हजार ईंट, 10 बोरी सीमेंट, एक क्विंटल छड़ खरीदे हैं। मिस्त्री व मजदूर को पांच-पांच दिन की मजदूरी दिए हैं। बालू व गिट्टी का इंतजाम मैंने अलग से किया है। मैं व मेरा पुत्र भी कार्य किए, हमको मजदूरी भी नहीं दिए। सभासद पशुपति रौनियार ने कहा कि आरोप निराधार है। हरिहर की सहूलियत के लिए मैंने अपनी देखरेख में नींव का निर्माण कराया है। डूडा के परियोजना अधिकारी वेदप्रकाश ने कहा कि आवास के नाम पर कोई धन नहीं लिया जाता है। अगर किसी ने रुपये लिए हैं तो उसकी जांच कराई जाएगी।

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