Northeast Railway: पीआरएस और पार्सल दफ्तर में महिला कामन रूम नहीं, खरीदकर पीते हैं पानी
आरक्षण कार्यालय (पीआरएस) और पार्सल दफ्तर में महिला कामन रूम और बाथरूम नहीं होने से रेलकर्मियों में आक्रोश है। कार्यालयों में पीने के पानी की समुचित व्यवस्था नहीं होने से भी कर्मचारियों में नाराजगी है। रेलकर्मी और उपभोक्ता खरीदकर पानी पीने को मजबूर हैं।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। आरक्षण कार्यालय (पीआरएस) और पार्सल दफ्तर में महिला कामन रूम और बाथरूम नहीं होने से रेलकर्मियों में आक्रोश है। कार्यालयों में पीने के पानी की समुचित व्यवस्था नहीं होने से भी कर्मचारियों में नाराजगी है। रेलकर्मी और उपभोक्ता खरीदकर पानी पीने को मजबूर हैं। एनई रेलवे मजदूर यूनियन (नरमू) ने कर्मचारियों की समस्याओं के विरोध में मोर्चा खोल दिया है। शुक्रवार को यूनियन के महामंत्री केएल गुप्त पदाधिकारियों के साथ कार्यालयों का निरीक्षण कर रेलवे प्रशासन पर उदासीनता का आरोप लगाया। साथ ही चेतावनी दिया है कि दस दिन के अंदर समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो यूनियन प्रकरण को महाप्रबंधक के समक्ष उठाने के साथ ही आंदोलन को बाध्य होगी।
तैनात हैं आधा दर्जन महिला कर्मचारी
निरीक्षण के दौरान महामंत्री ने पीआरएस में तैनात महिला कर्मियों की समस्याएं सुनी। यूनियन शाखा की संयुक्त मंत्री अर्चना त्रिपाठी ने बताया कि पीआरएस में आधा दर्जन महिलाकर्मी तैनात हैं। इसके बाद भी न कामन रूम है और न बाथरूम। पीने के पानी की भी समुचित व्यवस्था नहीं है। दिव्यांग के लिए रैंप नहीं है। कर्मचारी ही नहीं यात्रियों को भी परेशानी उठानी पड़ती है। पार्सल दफ्तर के कर्मचारियों ने बताया कि एक ही टायलेट है, जिसका उपयोग महिला और पुरुष दोनों करते हैं।
पानी के पानी की नहीं है कोई व्यवस्था
पीने के पानी की व्यवस्था भी नहीं है। रेलकर्मी और उपभोक्ता पानी खरीदकर पीते हैं। कर्मचारियों की समस्याओं को सुनने के बाद महामंत्री ने यथाशीघ्र समाधान कराने का आश्वासन दिया। मौके से ही मंडल के संबंधित अधिकारियों से वार्ता भी की। इस मौके पर संयुक्त महामंत्री ओंकार सिंह और शाखामंत्री प्रवीण चौधरी आदि पदाधिकारी मौजूद थे।
प्लेटफार्म नंबर नौ तक नहीं पहुंच पाता बुक पार्सल
पार्सल दफ्तर प्लेटफार्म नंबर एक पर स्थित है। लेकिन बुक सामान समय से प्लेटफार्म नौ पर नहीं पहुंच पाता। यूनियन ने महामंत्री ने नाराजगी जताते हुए बताया कि स्टेशन परिसर में प्लेटफार्म एक से नौ तक पार्सल ले जाने और ले आने का कोई रास्ता ही नहीं है। ऐसे में रेल उपभोक्ताओं और कर्मचारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। रेल उपभोक्ताओं में उदासीनता है। रेलवे की आमदनी प्रभावित हो रही है। इस समस्या को भी महाप्रबंधक के समक्ष उठाया जाएगा।