सामान्‍य मरीजों को नहीं मिल पा रहा इलाज, प्राइवेट डाक्‍टर भी बंद किए हुए हैं अस्‍पताल Gorakhpur News

देवरिया के जिला अस्पताल में ओपीडी तकरीबन एक माह से ठप है। ऐसे में सामान्य मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है जिससे सामान्य मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है। सामान्य मरीज भी इलाज के लिए परेशान हैं।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 25 May 2021 02:10 PM (IST) Updated:Tue, 25 May 2021 02:10 PM (IST)
सामान्‍य मरीजों को नहीं मिल पा रहा इलाज, प्राइवेट डाक्‍टर भी बंद किए हुए हैं अस्‍पताल Gorakhpur News
देवरिया जिला अस्पताल परिसर स्थित इमरजेंसी। जागरण

गोरखपुर, जेएनएन : देवरिया के जिला अस्पताल में ओपीडी तकरीबन एक माह से ठप है। ऐसे में सामान्य मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है, जिससे सामान्य मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है। सामान्य मरीज भी इलाज के लिए परेशान हैं। उधर अधिकांश प्राइवेट डाक्टर भी भयभीत हैं और कोरोना के भय से अस्पताल बंद कर घर बैठे हुए हैं।

जिला अस्‍पताल में प्रतिदिन आते थे 1000 से 1200 मरीज

सामान्य दिनों में जिला अस्पताल में प्रतिदिन 1000 से 1200 मरीज प्रतिदिन ओपीडी में दिखाने के लिए आते थे। सुबह आठ बजे से दो बजे तक यहां मरीजों की लम्‍बी लाइन लगी रहती थी। मौजूदा समय में जिला अस्पताल की इमरजेंसी में सिर्फ गंभीर मरीजों का ही इलाज किया जा रहा है। मार्ग दुर्घटना में घायल, मारपीट आदि के ही मामलों में गंभीर रूप से घायल पहुंच रहे हैं या कोविड लक्षण वाले मरीजों को ही गंभीरावस्था में भर्ती किया जा रहा है। इसके अलावा सामान्य रूप से विभिन्न रोगों से परेशान मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है, जिससे संकट बढ़ गया है। ग्रामीण क्षेत्र के अस्पताल भी कोरोना में जांच पड़ताल में जुटे हैं, वहां भी मरीजों को इलाज व दवाएं नहीं मिल पा रही हैं। प्राइवेट में सिर्फ कोविड अस्पताल ही 24 घंटे खुले हैं। अधिकांश प्राइवेट डाक्टर भी अपना शटर गिरा कर चुपचाप घर में अंदर बैठे हैं।

सुनिए मरीजों का दर्द

जिला अस्पताल आई अबूबकर नगर की रेहाना ने बताया कि पेट में दर्द रह रहा है। अल्ट्रासाउंड व ब्लड की जांच कराना है। किसी अच्छे डाक्टर को दिखाना था। इमरजेंसी में डाक्टर साहब ने कहा कि यहां सिर्फ गंभीर मरीजों का इलाज होता है। अस्पताल में ओपीडी चलेगी, तब आइएगा। दर्द, बुखार की दवा चाहिए तो ले लीजिए। सलेमपुर क्षेत्र के कोल्हुआ निवासी डबल प्रसाद की पत्नी के गले में परेशानी है, नहीं दिखा पा रहे हैं। रामनाथ देवरिया के अकलू, पुरवा चौराहा की शांति देवी, बरहज रोड के रघुनाथ भी अपनी पत्नी के सीने में दर्द का इलाज कराने आ रहे हैं लेकिन इलाज नहीं मिल पा रहा है।

ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी अस्पतालों से भी मिल रही निराशा

ग्रामीण क्षेत्र के कई अस्पताल हैं, जहां से डाक्टर गायब रह रहे हैं। इसके अलावा कई अस्पतालों में डाक्टरों की तैनाती तक नहीं है, जिसमें सीएचसी जसुई, लीलापुर, चकिया कोठी, पड़री पांडेय, सीएचसी भुड़वार, सीएचसी जसुई में चिकित्सक गायब रह रहे हैं। यहां मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है।

शासन के निर्देश पर बंद की गई है ओपीडी

सीएमएस डा. आनंद मोहन वर्मा ने बताया कि जिला अस्पताल में ओपीडी बंद है। सिर्फ गंभीर मरीजों के लिए इमरजेंसी सेवा चल रही है। यह सच है कि

गंभीर मरीज भी कोविड लक्षण वाले ही आ रहे हैं। उन मरीजों के लिए अलग से वार्ड बना कर उन्हें भर्ती कर उनका इलाज किया जा रहा है। ओपीडी शासन के निर्देश पर बंद किया गया है।

chat bot
आपका साथी