Gorakhpur Zila Panchayat Chunav: गोरखपुर में सीधी लड़ाई के आसार, भाजपा व सपा प्रत्याशियों ने खरीदे पर्चे

Gorakhpur Zila Panchayat Chunav 2021 गोरखपुर में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए सीधी लड़ाई के आसार बन रहे हैं। भाजपा समर्पित साधना सिंह सपा समर्पित आलोक कुमार गुप्ता ने पर्चा खरीदा है। कैंपियरगंज के धर्मेंद्र यादव ने भी पर्चा खरीदा है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 07:50 AM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 07:50 AM (IST)
Gorakhpur Zila Panchayat Chunav: गोरखपुर में सीधी लड़ाई के आसार, भाजपा व सपा प्रत्याशियों ने खरीदे पर्चे
गोरखपुर में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए सीधी लड़ाई का समीकरण बन रहा है। - जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। Gorakhpur Zila Panchayat Chunav जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन 26 जून को सुबह 11 से दोपहर बाद तीन बजे तक होगी। उसी दिन नामांकन पत्रों की जांच भी होगी। नामांकन के लिए कलेक्ट्रेट परिसर में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। 29 को बुधवार व गुरुवार को एक भी पर्चा नहीं बिका। अब तक तीन लोगों ने सात सेट में पर्चा खरीदा है। 29 जून को नाम वापस लिए जा सकेंगे और तीन जुलाई को मतदान होगा। उसी दिन शाम को नतीजे भी आ जाएंगे।

सपा प्रत्याशी ने खरीदा पर्चा

जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए अब तक भाजपा समर्पित साधना सिंह ने चार सेट में, सपा समर्पित आलोक कुमार गुप्ता ने दो सेट जबकि कैंपियरगंज के धर्मेंद्र यादव की ओर से एक सेट पर्चा खरीदा गया है। हालांकि नामांकन के दिन तक पर्चा खरीदा जा सकता है।

मूल प्रमाण पत्र दिखाकर कर सकेंगे मतदान

जिला पंचायत सदस्यों को मतदान के लिए इस बार मूल निर्वाचन प्रमाण पत्र दिखाना अनिवार्य होगा। जिला प्रशासन ने छायाप्रति या बिना प्रमाण पत्र के वोट देने से रोकने का निर्णय लिया है। इससे पहले सूची में नाम देखकर सदस्य को मतदान के लिए अनुमति दे दी जाती थी। मतदान एवं मतगणना की पूरी प्रक्रिया सीसीटीवी कैमरे में कैद होगी। अध्यक्ष पद के उम्मीदवार चार लाख रुपये तक खर्च कर सकेंगे। निर्वाचन आयोग की ओर से तैनात प्रेक्षक खर्च की निगरानी करेंगे।

सपा जिलाध्यक्ष ने लगाया पर्चा न देने का आरोप

सपा जिलाध्यक्ष नगीना प्रसाद साहनी ने आरोप लगाया है कि पार्टी के प्रत्याशी एक सेट पर्चा और खरीदने के लिए अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व के कार्यालय गए थे। सहायक निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में मौजूद थे लेकिन उन्हें पर्चा नहीं दिया जा रहा है। 23 जून को पर्चा लेने पहुंचने पर उन्हें पर्चा नहीं दिया गया और 24 जून को बुलाया गया। 24 को जाने पर कोई मौजूद नहीं मिला और घंटों बैठाने के बाद भी पर्चा नहीं दिया गया।

उन्होंने इसकी शिकायत जिला

निर्वाचन अधिकारी/डीएम से भी की। इस मामले में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व राजेश कुमार सिंह ने कहा कि आरोप निराधार हैं। 22 जून को आलोक कुमार गुप्ता को दो सेट पर्चा दिया गया था। जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में कोई पार्टी सिंबल पर चुनाव नहीं लड़ता, ऐसे में किसी पार्टी के पदाधिकारी को पर्चा नहीं दिया जा सकता। निर्वाचित सदस्य या उसके नामित व्यक्ति को ही प्रमाण दिखाने पर पर्चा मिलता है।

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