गोरखपुर के सरकारी महकमों में फिक्र कम जिक्र ज्यादा, नहीं है रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था
पूर्वोत्तर रेलवे को छोड़ दें तो ज्यादातर विभागों के सरकारी भवनों में वर्षा जल संचय के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। सभी की बस एक दलील है कि भवन पुराना है ऐसे में पहले इसका इंतजाम नहीं किया गया था। हालांकि इन्हीं दलीलों के बीच गोरखपुर विश्वविद्यालय नजीर है!
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। भूगर्भ जल, पर्यावरण और प्रकृति की चिंता पर बातें तो सभी करते हैं पर इसको बचाने और संवारने के लिए आगे आने वाले कम ही हैं। सरकारी महकमों में भी अभी सभी लोग वर्षा जल संचय को लेकर संजीदा नहीं हैं। पूर्वोत्तर रेलवे को छोड़ दें, तो ज्यादातर विभागों के सरकारी भवनों में वर्षा जल संचय के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। सभी की बस एक दलील है कि भवन पुराना है, ऐसे में पहले इसका इंतजाम नहीं किया गया था। हालांकि इन्हीं दलीलों के बीच गोरखपुर विश्वविद्यालय नजीर है, जिसने अपने कई पुराने भवनों और परिसर में ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था अभी जल्द ही कराई है।
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर स्थित स्टेशन का रनिंग रूम, रेलवे अधिकारी क्लब, सीनियर सेकेंड्री स्कूल, ट्रांजिट हाउस और 400 बेड वाले अस्पताल में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम कार्य कर रहा है। लखनऊ मंडल में गोंडा, ऐशबाग और लखनऊ जंक्शन के सभी भवन पर भी यह प्रणाली लागू है। वाराणसी स्थित रेलवे अस्पताल तथा मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय भवन पर भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की व्यवस्था कर दी गई है। इज्जतनगर मंडल में बरेली जंक्शन पर भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग की मुकम्मल व्यवस्था है। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के ज्यादातर भवन तीन-चार दशक से अधिक पुराने हैं। ऐसे में कहीं भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग का इंतजाम नहीं था। एक-दो वर्ष के भीतर ही विवि प्रशासन ने कई भवनों और परिसरों में इसका इंतजाम कराया है। बीआरडी मेडिकल कालेज के पांच नए भवनों में तो वर्षा जल संचय का इंतजाम है, लेकिन इसके अलावा मेडिकल कालेज से लेकर सीएमओ कार्यालय या जिला अस्पताल में कहीं भी इसकी व्यवस्था नहीं है। निर्माणाधीन एम्स में भी अभी इसकी व्यवस्था नहीं हो पाई है।
विकास भवन में है वर्षा जल संरक्षण की व्यवस्था
वर्ष 2001 में निर्मित विकास भवन में पहले यह व्यवस्था नहीं थी, लेकिन जीर्णोद्धार के समय भवन के पिछले हिस्से में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया गया है। जीडीए की ओर से रेन वाटर हार्वेस्टिंग को अनिवार्य भले न किया गया हो लेकिन अपने भवनों में इसकी व्यवस्था है। गोलघर स्थित मल्टीलेवल पाॄकग एवं लेक व्यू में रेन वाटर हार्वेस्टिंग का प्लांट लगाया जा रहा है।
शिक्षा विभाग में नहीं है इंतजाम
जिला बेसिक शिक्षाधिकारी कार्यालय में भवन पुराना होने के कारण रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगा है। बीएसए बीएन सिंह के अनुसार जल संचय के लिए इस सत्र से विचार किया जा रहा है। जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय व संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय में भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं है। इस संबंध में शासन से प्रस्ताव मांगा गया था, जिसे भेज दिया गया है। धन आवंटित होते ही इसे शुरू करा दिया जाएगा।
पुलिस के किसी भवन में व्यवस्था नहीं
पुलिस आफिस, पुलिस लाइंस या किसी थाने पर वर्षा जल संचय की व्यवस्था नहीं है। नवनिॢमत एम्स और गोरखनाथ थाने के भवन में रेन वाटर हार्वेस्टिंग का प्लांट लगाया जाना है।