रास्ता न जल निकासी की व्यवस्था, बदतर जिंदगी जी रहे नागरिक

गंवई माहौल कहीं कच्ची सड़क तो कहीं टूटी इंटरलाकिंग देवरिया शहर के वार्ड संख 16 अली नगर मोहल्ले की पहचान हो गई है। शहीद नगर मोहल्ले में तो लोगों के लिए चार पहिया ले जाना सपना जैसा हो गया है। वहीं बिजली व्यवस्था भी कोई बेहतर नहीं है।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Publish:Sun, 05 Dec 2021 06:00 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 06:05 AM (IST)
रास्ता न जल निकासी की व्यवस्था, बदतर जिंदगी जी रहे नागरिक
देवरिया में वार्ड संख्‍या 16 के शहीद नगर मोहल्‍ले में जाने के लिए बनाया गया लकडी का पुल। जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गंवई माहौल, कहीं कच्ची सड़क तो कहीं टूटी इंटरलाकिंग देवरिया शहर के वार्ड संख 16 अली नगर मोहल्ले की पहचान हो गई है। शहीद नगर मोहल्ले में तो लोगों के लिए चार पहिया ले जाना सपना जैसा हो गया है। वहीं बिजली व्यवस्था भी कोई बेहतर नहीं है। बांस बल्लियों के सहारे लोगों के घरों तक उजाला हो रहा है। हालांकि जिम्मेदार कुछ व्यवस्थाएं बेहतर करने की बात कह रहे हैं।

विकास की राह ढूंढ रही मोहल्‍ले की गलियां

शहर के वार्ड संख्या 16 मुंशी गोरखनाथ टोला की आबादी तो 11 हजार है, हर वर्ग के लिए लोग इस वार्ड में निवास कर रहे हैं, इस वार्ड के दो मोहल्लों की स्थिति काफी दयनीय है। सड़कें टूटी है। जल निकासी व अन्य व्यवस्थाएं भी बेहतर नहीं है। यहां की स्थिति गांव से भी बदतर हो गई है। मोहल्ले की गलियां भी विकास की राह ढूंढ रही हैं।

दो हजार लोगों को घर से निकलने की दिक्कत

वार्ड के शहीद नगर मोहल्ले के दो हजार लोग तो गांव से भी बदत्तर जिंदगी जी रहे हैं। यहां जाने के लिए रास्ता ही नहीं है। एक तरफ रेलवे लाइन तो दूसरी तरफ कुर्ना नाला है। शहर से बाजार करने के बाद लोग कुर्ना नाले के रास्ते पैदल ही अपने घर को जाते हैं। नाले पर मोहल्ले के लोगों ने लकड़ी का पुल खुद ही तैयार किया है। लोगों का कहना है कि कब पुल टूट जाए, इसका भय बना रहता है।

बारिश के समय मोहल्‍ले से पैदल निकलना भी मुश्किल

सबसे अधिक भय तब रहता है, जब जलभराव की स्थिति हो जाती है। उस समय मोहल्ले से पैदल भी निकाला मुश्किल हो जाता है। दो महीने का दिन तो काफी दयनीय स्थिति रहती है। सर्वाधिक दिक्कत इन्हें तब होती है, जब इनके परिवार में किसी की तबीयत खराब होती है। यह लोग चारपाई पर मरीज को लेकर लकड़ी के पुल से पार करते हैं और उन्हें अस्पताल तक पहुंचाते हैं।

जल निकासी का नहीं है इंतजाम

जल निकासी का भी कोई बेहतर इंतजाम इस वार्ड में नहीं है। अधिकांश लोगों के घरों के सामने घरों का गंदा पानी बह रहा है। दरवाजे पर बह रहे गंदा पानी से संक्रामक बीमारियों के फैलने की संभावना रहती है।

क्‍या कहते हैं नागरिक

मोहल्‍ले के आफाक अहमद बताते हैं कि मोहल्ले में सड़क व जल निकासी की व्यवस्था नहीं होने से बड़ी परेशानी होती है। मुमताज मास्टर के घर के सामने वाली सड़क पूरी तरह से टूट गई है। यही हाल वसीमुल्लाह के घर से सज्जाद के घर जाने वाली सड़क का है। मोहल्ले में लगता ही नहीं है कि हम लोग नगर पालिका में रह रहे हैं।

सडक पर बहता है नाली का पानी

मतीन अहमद बताते हैं कि जल निकासी का इंतजाम ठीक नहीं है। डाक्टर फैयाज के घर के सामने व बगल में सड़क पर पानी बह रहा है। नालियां चोंक है। सीता देवी के घर के सामने भी यही हाल है। जबकि अबरार अहमद के घर के सामने सड़क पर पानी बह रहा है। यहां जल निकासी की बेहतर व्यवस्था होनी चाहिए।

बारिश में घर से निकलना मुश्किल

मोहल्‍ले के नागरिक जाकिर हुसैन बताते हैं कि यहां जल निकासी का इंतजाम होना चाहिए। बारिश के दिनों में पूरा माेहल्ला भर जाता है और घरों से निकलना मुश्किल हो जाता है। शाबिया परवीन का कहना है कि शहीद नगर में जाने के लिए रास्ता नहीं है। टैक्स लिया जाता है, लेकिन पानी की व्यवस्था नहीं की गई है। रास्ता न होने के चलते सफाईकर्मी भी मोहल्ले में नहीं आते हैं और सफाई नहीं होती है। जिसके चलते परेशानी हो रही है।

शहीद नगर में जाने का नहीं है कोई रास्‍ता

सभासद धर्मेंद्र सिंह बताते हैं कि शहीद नगर में जाने के लिए रास्ता नहीं है। विधायक ने यहां पुल बनवाने के लिए प्रस्ताव भेजा है। मोहल्ले में सड़क टूटी है, डूडा को प्रस्ताव भेजा गया है। जल निकासी का बेहतर इंतजाम का प्रयास चल रहा है।

पुल बनवाने के लिए बजट नहीं

नगर पालिका की अधिशासी अधिकारी रोहित सिंह बताते हैं कि पुल बनवाने के लिए नगर पालिका के पास बजट नहीं है। बीआरडीपीजी कालेज के प्रबंधन से रास्ते के लिए कई बार प्रयास किया गया, लेकिन व्यवस्था नहीं हो पाई। सड़क व नाली जल्द ही बनवाया जाएगा।

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